आज मै लाचार जरुर हूं, कमजोर नही! श्रीरामधुन

"आज मै लाचार जरूर हूं,किन्तु कमजोर नही "
       आज मै अपने ही लोगो के कारनामो से लाचार जरूर हूं ,  लेकिन कब तक रहूगा । हर समय
एक सा नही रहता । समय भी बदलेगा और अच्छे दिन भी आऐगे
समय की मार बहुत ही बुरी होती है
समय अच्छे अच्छे घांव भर देता है।
किंतु कुछ घांव अपने निशान जरुर छोड़ जाते है तो कुछ नासूर बन जाते है । इनके पीछे की हिस्ट्री को जब हम देखते है तो दोष हमारा ही होता है,अथवा पाया जाता है । हम ही हम उनके जन्मदाता होते है ।ऐसे दोषी भी हम होते है क्योंकि सामने वाले हमने जरूरत से ज्यादा भरोसा कर लिया था । जब भरोसा टूटता है तो दर्द उसे ही होता है जो सहता है ना उससे उगलते बनता है और ना ही निगलते बनता है । चूंकि दोनो परिस्थिति के जिम्मेदार हम स्वंयं होते है ।
       आजकल के बच्चै खासतौर पर 13 से 17 साल के उपर काम का अत्याधिक बोझ रहता है । क ई
बच्चे सफल भी हो जाते है तो अधिकांशतय:असफल हो जाते है ।
असफलता वाले बच्चों मे से कुछ तो अपनी जिम्मेदारीया उठा पाते है
तो कुछ बिगड़ जाते है । बिगड़ने वाले बच्चो दुर्गुण ही दुर्गुण होते है ।
इन कोई प्रतिबंध लगा सकते है तो वे है उनके माँ-बाप और रिस्तेदार होते  है । किर इसके बाद गुरुजन के बाद समाज के लोग आते है ।यदि इन्हे सुधार नही सकते तो आने वाला समय जरूर सुधारेगा । ऐसे लोग अभी तो लाचार है किंतु कमजोर नही है । यह दुख-सुख के जेसे है । ऐसा जीवन भर चलते रहेगा । यही प्रकृति का  भी नियम है। इंसानो के बस मे सिर्फ कर्म है अच्छे करेगा अथवा बुरे कर्म करेगा तो फल वैसे ही मिलेगा ।
ऐसा कई बार कई लोगों के साथ हुआ है कि बेबस लाचार कमजोर और मजबूत मजबूर महसूस होता है कई बार कुछ ताकतवर लोगों द्वारा कमजोर लोगों का हनन किया जाता है और वह कुछ भी नहीं कर पाते हैं यह सत्य है ऐसा होता है लेकिन मैं एक बात कहना चाहता हूं कि उसे समय मजबूर था आप कुछ नहीं कर सकते थे लेकिन आप अपना बुरा वक्त कभी मत भूलना उसे वक्त को याद रखिए जब आपके साथ गलत हुआ था आप कुछ नहीं कर पाए थे आप यह प्रण ले कि आप एक दिन इस काबिल बनेंगे की आपको सन्नाए का विरोध कर सकेंगे हम इस काबिल बनेंगे कि हम आज तो झुक गए हैं लाचार महसूस कर रहे हैं लेकिन इस काबिल बनेंगे कि हम आगे कभी भी जीवन में लाचार कमजोर महसूस नहीं करेंगे और गलत का पुरजोर विरोध करेंगे । अगर आप अपना बुरा वक्त भूल गए हैं तो सच मानो जीवन में फिर बुरा वक्त आएगा ही नही ,। फिर आप गड्ढे में गिरोगे और बार-बार गिरोगे हर बार गिरोगे । जब तक आप स्वयं में बदलाव नहीं लाते हैं तब तक आप कमजोर ही रहोगे । परमात्मा भी उसका साथ देता है जो अपना साथ देता है । जीवन का सफर कभी-कभी ऐसे चौराहे पर लाकर खड़ा कर देता है जहां खुद की काबिलियत पर सब उन्हें परखता है।  ऐसे समय में आप भगवान पर भरोसा रखकर धीरज रखिए दोस्तों से खुलकर बात कीजिए जिससे मन का बोझ हल्का हो जाए ।
* सबसे पहली बात तो आप अपने को कभी भी कमजोर ना समझे आपकी हताशा का सबसे बड़ा कारण तो यही है कि आपने अपने को कमजोर शब्द से जोड़ लिया है।       अगर कुछ ऐसा घटित हुआ है जिसका कारण आप खुद को समझते हैं तो यह बहम अपने दिल से निकाल दीजिए ।
      जीवन सुख दुख के पहिए के साथ निरंतर घूमता रहता है। जरूरी है हमें उसके साथ सामंजस्य स्थापित करने की।  पूर्व की बातों को भूलकर आपको आगे बढ़ाने की जरूरत है और अपने आप को दोष देने की भी  जरूरत नहीं है ।
* जीवन में छोड़ना सीखिए। दिमाग में बिठा  ले कि वक्त कम है और आपके पास है फिजूल की सोच में व्यर्थ ना गमाओ ।  छोड़ना क्या है सबसे पहले उसको आपको इस्तेमाल करना है और वक्त पर काम ना देता दूसरा विचारों को । क्योंकि सोचो आप अगले जन्म में फिर बढ़ोगे । बेसा तो करवाओगे ही,, करोगे पहले की तरह जो की थी भी अभी तो पिछले जन्म की याद करवा लो किसी साइकैटरिस्ट की से फिर सोचो यार यह चीज असल में है ही नहीं । आप चक्र में फंसे हैं अपनी जिम्मेदारी समझो।
 * कमजोर होने पर भी मनुष्य ना करें  - अपनी कमजोरी का प्रदर्शन अपने अच्छे गुण आचार्य चाणक्य नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन  कठोरता ही जीवन की सच्चाई है । हम लोग भाग दौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजर - अंदाज करते हैं । लेकिन यह वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे । 
कोई भी इंसान ना तो लाचार हे और ना ही कमजोर है , यह सब तो समय का फेर है  । इंतेजार मे अच्छे कर्म करे उसका फल भी अच्छा मिलेगा ।
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन
लेखक-आलोचक-काउसलंर

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