जिस देश मे गुरु का सम्मान नही,उस देश मे नही रहना चाहिए ? श्रीरामधुन
जिस देश मे गुरु का सम्मान नही,उस का क्या होगा ? उस देश मे रहने से क्या लाभ ? जहां शिक्षा और धर्म का व्यवसाय हो रहा है वहां पर रहना बेकार होता है ।
गुरु का अपमान, धर्म का व्यवसाय हो रहा हो उस जगह से अच्छे लोगो का अकाल पड़ने लगता हो । गुरु के अपमान से माँ सरस्वती अपने आप रुष्ठ होकर चली जाती है । गुरु का अपमान का सीधा संबंध माँ-बाप से भी जुड़ता है । माँ-बाप के ओहदे से भी गुरु का पद बड़ा माना जाता है । म०प्र० सरकार इस बात भूल गई साथ ही केन्द्र सरकार भी दोषी है ।
03 दिस० 2023 को चुनाव नतीजे तो आना है । दुनिया भर की एजेंसियों ने चुनाव का परिणाम किसी पार्टी के पक्ष मे भी कर दिया है । यह लड़ाई गुरु और चेला के बीच मे चल रही है ।काग्रेस और बीजेपी के बीच है । अभी तक के राजनीति आँकड़ो और क्रियाकलापों मे गोर करते है तो काग्रेस के पक्ष मजबूत है और बीजेपी की जीत पर मोदी छाप लगी है इसलिए उसका प्रबल योग बनते दिखाई दे रहे है । दोनो पार्टी
चोर का भाई गिरहकट है । अच्छे कार्यो की उम्मीद नही है । हमे सरकार से क्या लेना है हमे तो देना ही आता है ।और इस बारतो चुनाव का वहिस्कार कर अज्ञातवास तक मे जाना पड़ा । मेरी मांग और गुस्सा करना वाजिब है । मेरा किसी से कोई लेना देना है और ना ही मेरे पास इतना समय भी नही है कि इनके बीच आकर जीत हार का फैसला कर सकूं । मुझे शिवराज नही चाहिए और ना ही आलोक शर्मा चाहिऐ । जुन्नारदेव की सीट पर सुनील उइके भी नही चाहिए ।
इसके अलावा कोई भी सरकार बनाऐ । और हाँ इस बार का चुनाव एक यादगार चुनाव रहेगा ।मुझे सिंधिया,मिश्रा,नरेन्द्रतोमर से कोई मतलब नही । ऐसे बहुत से लोग है जो मेरे तथा मेरी टूस्ट से संबंधित है वे तो मुझे बिलकुल भी नही चाहिए ना अफसर और ना ही नेता । उन सब की लिस्ट मेरी जुबां पर है जिसमे विशवास सारंग भी शामिल है ।
इनके अलावा सरकार मे बहुत से लोग है जिन्होने गुरु का अपमान किया है । उन सबको प्रसाद के रूप मे भगवान जरुर देगा । इन्होंने देश मे शिक्षा मे धर्म को जोडकर जो भूचाल बेरोजगारी के रुप मे लाया है दोषी तो बहुत है सबके कर्मो की सजा के रुप मे प्रसाद अवश्य मिलेगा । तैय्यार रहे और आने वाले समय का इंतेजार करे । यह सब लड़ाई राजनीति से संबंधित है और स्वार्थ की लड़ाई है जनहित की नही ।इन लोगो ने मुझ जैसे अनेको लोगो का , जो गुरु का कार्य करते है
उन सबने बहुत ज्यादा परेशान किया है । धमकी दी है । अज्ञातवास की सजा सुनाई है उन्है भी तो कुछ ना कुछ मिलना ही चाहिए ।
लेखक-आलोचक-काउंसलर
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