"मन की बात" मन मे ही रहे तो बेहत्तर ! श्रीरामधुन !
मन की बात मन मे ही रहे तो बेहत्तर
इंसान के जीवन में कई ऐसी ऐसी बातें करते रहती है यदि उसे किसी को बदला की जाए तो जीवन में भूचाल आ सकता है अतः ऐसे समय अंजान बने रहने में ही चुप रहने में ही सबकी भलाई छुपी रहती है ऐसी कई बातें हैं जो इंसान मरते दम छुपा के रखना है और मृत्यु के बाद अपने साथ लेकर जाता है इसी में उसका पूरा जीवन व्यतीत हो जाता है
दुनिया में कोई भी इंसान ऐसा नहीं है कि जो अपने मन में कई बातें छुपा कर ना रखा हो ऐसे राज वाली बातों में झूठ का पता डालना ही बेहतर होता है
सभी इंसान अपने मन में जाकर देखें तो उसे पता चल ही जाएगा उसके साथ क्या-क्या बातें हैं अपने मन में छुपा कर रखा है और वह आत्मक रानी के साथ जीत रहता है ऐसी बातों के कारण पर जीवन भर अनेकों प्रकार से परेशान रहता है और लोगों को परेशान करता है इस समस्या का निदान किसी के भी पास नहीं है ऐसी समस्याओं को हल करने के लिए पता भी नहीं सकता है किसी और को और वह समस्या इंसान के साथ ही चली जाती है कुछ समस्याओं का हाल तो किया जा सकता है वह इंसान स्वयं कर सकता है ऐसी समस्याओं को झूठ का सहारा देते हुए लेते हुए उसको हल किया जा सकता है
मां की बात में मन में ही रहे तो अच्छा है मोदी जी क्योंकि वह सबके सामने आ जाएगी तो पूरे देश में पूजा भी आ सकता है क्योंकि ऐसा तो हो ही नहीं सकता कि किसी के मन में कोई रात छुपा हुआ हो जरूर छुपा है एक दो नहीं आने को बातें छुपी है जिनको इंसान अपने आप में छुपा कर रखा है मां की बात का प्रोग्राम तो आपने शुरू किया किंतु कभी अपने मन की बातें आम जनों से शेयर नहीं की यही गलती की है आपने मां की बात बताने के लिए शुरू किए गए प्रोग्राम में अपने मन की बात तो कुछ भी नहीं बदले और ना ही हम जनों की बातें बतलाइए सिर्फ अपना गुणगान करते रहे और राजनीति की रोटी देखते रहे क्या यह उचित है आप खुद ही फैसला करें ।
आपके प्रोग्राम में मन की बातों के अंतर्गत कई लोगों ने अनेकों समस्याएं रखी जिस पर आपने व्यक्तिगत रूप से कुछ कार्य नहीं किया । यही आपसे एक गलती हुई है जो आप इस गलती को नही मानेगे क्योंकि संध ने आपको क्या किसी को भी नही समझाया है । आप इसकी भरपाई कैसे करेंगे आप ,यह आपको ही सोचा होगा !
मैने तथा मेरे टूस्ट के बारे मे संघ के साथ-साय आपको भी बतलाया तथा देश शीर्षस्थ नेताओ और पदासीन मान०राष्ट्रपति व राज्यपाल महो० को अपीलीय आवेपत्रो के माध्यम से अवगत कराया ,अनेको स्मरण पत्र भी भेजे उन पर आज तक कोई कार्यवाही नही की गई । यही कारण है कि आज सब कुछ छोड़छाड़ कर अज्ञातवास का जीवन बिता रहा हूं
मेरे मिलने वाले सभी परेशान है तो आपकी चल रही अथवा बनने वाली सरकार मे कुछ तो फर्क पड़ेगा म०प्र ० सरकार बनने ना बनने पर कुछ तो फर्क पड़ा है और आगे भी पड़ेगा ऐसा मानना है गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन का ।
बात कहां सै चली थी और कहां तक पहुच ग ई । अभी भी आपके पास या आपकी सरकार के पास समय है । खैर आप लोग इसे मानोगे तो नही फिर भी अवगत कराना मेरा फर्ज है ।
लेखक-आलोचक- काउंसवर
Comments
Post a Comment