लार टपकने लगती है !
" लार टपकने लगती है "
आज का इंसान इस हद तक बिगड़
यह कभी किसी ने सपने मे नही सोचा था कि ये सब सहना पडेगा ।
वैसे इंसान तो वही है । कल भी वही था । आज भी वही है और कल भी वही रहेगा । सब कुछ वही है जैसा पहेला था वही आज है और आने वाले समय भी वही रहेगा ।
इंसान तो वही है किंतु सोचने का नजरिया बदल चुका है । पहले कम था और इंसान डरता था । आज किसी बात का डर नही है और आने वाला समय किसने देखा है ।
इंसान वही है ,समय भी वही है । पहले भी किसी भी ,कैसी भी , सुंदरता हो उसके पीछे भागता रहता है चाहे वह इंसान किसी भी पद का,किसी भी उम्र का हो सुंदर स्त्रीयो के प्रति आकर्षण हमेशा प्रदर्शित करते आया है और आगे भी करते रहेगा । यह गलती उसकी नही है फिर भी हमेशा दोषी रहा है ।
यह बात आज तक किसी को समझ नही आई । भूख दो प्रकार की होती है एक तन की दूसरी मन की । दोनो मे ही पूरा संसार समाया हुआ है ।
आज का समय ऐसा आ गया है कि हर इंसान किसी भी सुंदर स्त्री को देखता है तो उसकी लार टपकने लगती है और थोड़ी देर के लिऐ अपनी उम्र भूल जाता है । आज इसी वजय से आमजन भी लाइक ,
काँमेन्टस् और फारवर्ड पाने के लिऐ सुंदर सुंदर स्त्रीयो का फोटो डालते रहते है । दूकानदार हो या प्रायवेट कम्पनी वाले या सरकारी-अर्दसरकारी नौकरी वाले हो सभी के सभी लोग सुंदर सुंदर लड़कियों
और महिलाओं को नौकरी पर रखते है ।
"यही हमारा बदलता युग है स्त्रीप्रदान देश "
लेखक-आलोचक-सलाहकार
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