कचरो के ढेर मे से निकला जिन्न !

कचरा के ढेरो मे से निकलता जिन्न"
    पूरे भारत मे सफाई अभियान के अंतर्गत मुहिम छेड़ी ग ई और पूरे भारतवासी के सहयोग से आज "मेरा भारत स्वच्छ भारत" है । इसमे आमजनता के साथ साथ अनेको संस्थाओ,टूस्टो,सरकारी गैर-सरकारी संस्थाओ ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया । टूस्ट "माँ आदिशक्ति
दर०धार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट" भोपाल द्वारा यह अभियान बर्षो से चलाया जा रहा है । चूंकि टूस्ट एक धार्मिक एवं सामाजिक टूस्ट है । गांधी- मोदी विचारक टूस्ट है जो अनेको कार्य  जनहित मे नि:शुल्क सेवाऐ विगत 20 से कर रहा है । 
          "मेरा भारत स्वच्छ भारत अभियान " की शुरुआत टूस्ट द्वारा की जा रही और सहयोग किया जा रहा है । भारत मे चलित यह अभियान जोरो-शोरो से व्याप्त है किन्तु इसमे रख-रखाव को सही ढ़ग से नही किया जा रहा है और शहर के भीतर की गंदगी को बाहर रखने की व्यवस्था ठीक से नही हो पा रहा है जैसे रेल्वे प्लेटफार्म तो साफ सुथरा है किंतु उसकी गंदगी रेल्वे-स्टेशन के बाहर पड़ी रहती है ,
उसकी व्यवस्था उचित नही है । ऐसे ही शहर की गंदगी,कचरा वगैरह शहर के चारो तरफ कचरा का ढेर पड़ा रहता है जिसकी बदबू
से वहां के रहने वाले,गुजरने वाले लोगो को परेशानियों का सामना करना पड़ता है । सरकार को चाहिए इस कचरे का सही इस्तेमाल करे ।
मेरा भारत स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत धूल मिट्टी की को साफ करने के लिए झाड़ू उठाकर स्वच्छ भारत अभियान को पूरे राष्ट्र के लिए एक जन आंदोलन का रूप और कहा गया कि लोगों को ना तो स्वयं गंदगी फैलानी चाहिए और ना ही किसी और को फैलाना देना चाहिए उन्होंने न गंदगी करेंगे काम मूल मंत्र पर कार्य किया ऐसा था यह स्वच्छ भारत का अभियान
महात्मा गांधी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था उन्होंने स्वच्छ भारत का सपना देखा था जिसके लिए वह यह चाहते थे कि भारत के सभी नागरिक एक साथ मिलकर देश को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य करें महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के स्वप्न को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया और इसके सफल क्रियान्वयन हेतु भारत के सभी नागरिकों से इस अभियान को इस अभियान से जोड़ने की अपील की इस अभियान का उद्देश्य अगले 5 वर्ष में स्वच्छ भारत का नक्शा प्राप्त करना है ताकि बापू की 150वीं जयंती को इस लक्ष्य की प्राप्ति के रूप में मनाया जा सके स्वच्छ भारत अभियान सफाई करने की दिशा में प्रतिवर्ष 100 घंटे के श्रमदान के लिए लोगों को लोगों को प्रेरित करता है माननीय प्रधानमंत्री द्वारा ऐसा कहा गया
ऐसा अभियान में एक प्रचारक के रूप में सभी लोगों को शामिल होने की सलाह दी गई तथा सरकारी संस्थान से योगदान मांगा गया और इसी के साथ-साथ स्वच्छ भारत के निर्माण के लिए सरकारी गैर सरकारी संगठनों की भी सहायता ली गई ।
यह आयोजन तो अपनी जगह चल ही रहा था कि लोगों ने इसमें पर चढ़कर हिस्सा लिया और साफ सफाई में सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आम जनता ने अपना फर्ज निभाया किंतु क्या यह व्यवस्था अपने आप में सही नहीं प्रतीत होती क्योंकि रेलवे प्लेटफार्म को तो साफ सुथरा कर दिया और उसकी गंदगी उठाकर स्टेशन के बाहर रेलवे लाइन के पास फेंक दी यह उचित व्यवस्था नहीं है आता ऐसी स्थिति में सरकार को चाहिए कि वह साफ सफाई करें या करवाए तो वह पूर्ण रूपेण सही ढंग से की जाना चाहिए।
गुरूजीसत्यवादी श्रीरामधुन
लेखक-आलोचक- काउसंलर

Comments

Popular posts from this blog

दिलिप बिल्डकाँन के कर्मचारी अर्पित कुंवर का निधन !

28 जून 2024-श्रृध्दाजली दिवस !

आज के इतिहास मे 16 जून 2024 का विशेष महत्व !