28 जून का इतिहास !

****ँ आज का इतिहास****
**** 28 जून का ईतिहास****
कल-आज- कल का इतिहास 

         आज का इतिहास                  
                मे।                               
       "आज का सत्यवादी" समाचार   
R,Nl. MPHIN/2012/49082
       
  28 जून की ऐतिहासिक घटनाऐ :- 
                    
1*माँ आदिशक्ति दर० धार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट*भोपाल श्रृन्दाजलि अर्पित दिवस मनाया जाऐगा ।
2* गठबंधन की सेवा में इराक की अंतिम सरकार को संप्रभुता सोपी थी
3* इसराइल फिलीपींस परसेंट एशिया में खून बराबर रोकने के लिए कदम उठाने पर सहमत
4* वर्साय की संधि पर हस्ताक्षर
5* रोमानिया ने अपनी वायु सेवा में रूसी विमान की कुरान पर रोक लगाई थी ।
"आज का सत्जवादी" - 28 जून को  जन्मे लोग -
1* 10 जून 1982 को अर्पित का जन्म हर साल मनाया जाता था किन्तु इस बार ऐसा नही हुआ और इतिहास बन गया ।
2* 16 जून और 28 जून एक यादगार दिवस ।
4*28 जून 2006 को आव्या कुंवर पुत्री स्व० अर्पित कुंवर का जन्म दिवस है ।
"आज का सत्यवादी" मे 28 जून को निधनं होने वालो की  पुण्यतिथि -
1*16 जून 2024 कौ स्व० अर्पित कुंवर के निधन के पश्चात आज दिनांक 28 जून 2024 को तेरहवी का आयोजन सम्पन्न होना एक यादगार दिवस बना है ।
"आज का सत्यवादी" मे आज का खास  ? 
राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय-जयंती- पुण्यतिथि तथा तीज- त्योव्हार का उल्लेख -
1* श्रृध्दाजली दिवस ।
आज का दिन गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन के लिऐ बहुत ज्यादा खास दिन है । जीवन की जमा पूंजी पूरी की पूरी समाप्त हुऐ 13 दिन हो गये ।आज तेरहवी का दिन है सभी प्रकार के धार्मिक आयोजन सम्पन्न हुऐ ।श्रृन्दाजलि की अंतिम प्रक्रिया का समापन होने के बाद जीवन का बदलाव नया अध्याय की शुरुआत होगी ।
2* 28 जून को अंतरराष्ट्रीय पीकेयू दिवस मनाया जाता है ।
3* राष्ट्रीय बीमा जागरुकता दिवस
।आज की भविष्यवाणी -    
सभी भविष्यवाणीयो को फैल करते हुऐ आज के दिन बस यही निष्कर्ष निकलता है कि प्रकृति के सामने सभी भविष्यवाणीयां फैल है । प्रकृति के सामने किसी की भी नही चलती है ।
आज सत्यवादी का सुविचार  -
आज का खास समाचार -
* मौत अपना रास्ता स्वयं बनाती हुऐ समय परिवर्तन करते हुऐ आती है ।
* प्रारब्ध और अंत का एक ही स्थान होता है यह प्रकृति का नियम है ।
* जो भी चीज जहां से शुरू होती है वही पर समाप्त होती है ।
* विश्व मे जितने भी जीव जन्तु है वे सब एक नियम मे बंधे है ।
* सुख क्षणिक होता है दुख उससे दुगुना होता है ।
* जाने वाला अथवा मृत्यु को वरण करने वाला  तो शरीर छोड़ जाता है।
किन्तु अपनी जिम्मेदारीयां दूसरो पर  छोड़ जाता है और यह सजा ना करते भी भुगतने पर मजबूर रहता है ।
ज्योतिर्विद "अंकशास्त्री"
गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन
संपादक-संस्थापक-अध्यक्ष-
काउंसलर-इतिहासकार-सलाहकार

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