आज का काला इतिहास !
आज का काला इतिहास -
आज का काला इतिहास कभी ना समाप्त होने वाली एक ऐसी गाथा है जो लोगो की भावनाओ और उनके द्वारा कृत्यो पर आधा- रित होती है । काला इतिहास के दो पात्र है जिन्हौने "माँ आदिशक्ति दर० धार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट" भोपाल म०प्र० का गठन करने मे तथा उसके संचालन करने पर अपना जीवन समाप्त कर दिया । फिर भी केन्द्रीय सरकार व म०प्र०
सरकार के साथ-साथ आमजनता
ने कोई सहयोग नही दिया ।
टूस्ट गांधी-मोदी विचारक है । फिर भी परेशान किया गया गाधी-विचारको द्वारा परेशान किया गया?
यह बात आज तक नही बतलाया गया ओ लापरवाही सरकार की लापरवाही को बंया करती है । टूस्ट द्वारा निशुल्क सेवा के अंतर्गत कार्य किऐ है,और अभी चल रहे है ।
जिसकी जांच हेतु मान० राष्ट्रपति व मान० राज्यपाल,प्रधानमंत्री ,मुख्य-मंत्री,संबंधित विभागों के सचिव से अपीलीय आवेदन पत्रो के माध्यम से निवेदन किया गया ।
आज इन 2-3 वर्षो मे (वर्ष2019 से वर्तमान तक) किसी भी प्रकार कार्यवाही से अवगत नही कराया गया जिस वजय से टूस्ट के टूस्टी अमित एवं अर्पित ने अपनी जान दे दी ।
इतिहास का अंतिम चरण 08 जून से 16 जून 2924 से तक वर्तमान
धार्मिक एवं समाजिक टूस्ट की जाँच-पड़ताल हेतु प्रशासन को अनेको बार लिखने के बाद भी कोई कार्यवाही ना होना अपने आप मे एक इतिहास है । जो सत्य पर अधारित है ।
इतिहास रचते हुऐ "माँ आदिशक्ति दर० धार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट " भोपाल म०प्र० के ये दो टूस्टी अमित कुंवर- का जन्म 23-09-1976 मृत्यु दिनांक- 02-11-2010 -( टूस्ट के पंजीयन मे विलम्ब होने के कारण)
अर्पित कुंवर का जन्म 10-06- 1982 और मृत्यू दिनांक- 16-06-2024 है ( टूस्ट की समस्या हेतु टूस्ट की मान्यता,अनुदान एवं भूमि आवंटन )
इस काला इतिहास की शुरुआत वर्ष 2003 से वर्तमान समय तक ।
इतिहास का दूसरा दौर 2006 से 2010,तीसरा दोर 2020 से वर्तमान तक की है । जिसे लेखक द्वारा अनेको बार ब्लाँगपोस्ट की गई है ।
लेखक.आलोचक-काउंसलर
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