क्या पंडितों ने ही धर्म का ठेका लिया?
आज की आमजनता सरकार-मोदी-सरकार,संध परिवार से एक ही प्रशन्न करती है और उसका समाधान चाहती है ? "श्रीरामधुन'
प्र० 1* क्या आदिवासी/हरिजनो को धार्मिक स्थल मे पूजा-पाठ् व इससे संबंधित कार्य का अधिकार है ? और यदि इसका उत्तर " हाँ" मे है तो धार्मिक टूस्टो के उपर अत्याचार क्यो किया जा रहा है ?
यदि इसका ऊत्तर "नही" मे है तो कृपया दस्तावेज करे ।
इन लोगो से अच्छी तो ममता सरकार है जो धार्मिक टूस्टो , संगठनो को लाखो रु० अनुदान दे रही है ,सहायता कर रही है अपने राज्य मे तो मोदी-सरकार,संघ परि-
वार,भाजपा सरकार तो हिन्दुओं के लिऐ मर मिटने के लिऐ है तो वह धार्मिक संघठनो और धार्मिक गति-
विधियो को बढ़ावा देने वाली है तो उनके हितो के बारे मे जानबूझकर अनदेखा क्यो कर रही है ? आज की स्थिति को देखते हुऐ कार्य करना चाहिए नही तो आने वाले समय मे उन्है काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है । पार्टी चंदा ऐसा कब त चलेगा ? इस कार्य मे
बहुत से विद्वानों का हाथ है जो गुमराह कर रहे है ऐसे लोगो से सावधान रहने की आवश्यकता है।
ये लोग धर्म की राजनीति पर अपनी रोटी सेंक रहे है ।
लेखक-आलोचक-काउसंलर
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