आज से मै सबसे डरने लगा हूं ?
आज मेरी अंतरात्मा बार बार मुझे
डरा रही है इसके पीछे क्या वजय है वो भी समझ नही पा रहा हूं । आज इसी अज्ञात डर के कारण मैने अपने नियम भी बदल लिऐ है।
सभी छोटे-बड़ो को सम्मान दे रहा हूं,नमस्कार कर उनका सम्मान कर रहा हूं उनकी सभी गलतीयो को माफ कर रहा हूं । यही बात को मैने
आज से 13 साल पहले आलोक शर्मा के लिऐ किया था । उसी के बाद से उनके सितारो मे बदलाव आया । हलाकि उनसे मेरी मुलाकात नही हुई किंतु मै उनके घर जाकर उनका इंतेजार किया था जिसकी प्रत्यक्षदर्शी गवाह मेरे पास है ।
हृदय परिवर्तन कभी भी हो सकता है और ऐसा हुआ ।आज मै भारत सरकार से रूष्ट हूं मैने अपना बदला ले लिया । हलाकि मुझे कुछ नही मिला किंतु संतोष जरुर मिला।
आज भारत सरकार के साथ-साथ सभी आमजनता से माफी मांगता हूं कि मै अपने स्वार्थ के लिऐ कोई भी ऐसा कार्य नही करुगा जिसमे किसी का नुकसान हो । काश मोदीजी अथवा भाजपा पार्टी मेरी
छोटी सी समस्या हल कर देते तो आज स्थिति ही बदली होती । क ई
बार समझाने के बाद भी सरकार के कानो मे जूं तक नही रेंगी । अभी भी मेरा प्रकरण म०प्र० सरकार के पास विचाराधीन है । सरकारी अफसरो और भ्रष्ट नेताओं के कारण । अब मुझे कुछ भी नही चाहिए । टूस्ट के कारण मेरे दो पुत्रो
ने अपनी जान की अहूति दी है ऐसा
मेरा मानना है । एक ने टूस्ट के पंजीयन मे विलम्ब मे तथा दूसरे ने टूस्ट की मान्यता व अनुदान ना मिलने की भी एक वजय है । अर्थात मुझे धार्मिक एवं समाजिक कार्य करना ही नही चाहिए था तो शायद मेरे दोनो पुत्र जीवित होते ।
किंतु अब मुझे कुछ नही चाहिए बस अपनी टूस्ट की जांच करवाना चाहता है कृपया इस संंबंध मेरी सहायता की जाऐ । अब मै सभी को इससे दोषमुक्त करता हूं । अब मेरे मन मे मृत्यु का खौफ बना हुआ किसी अनहोनी घटना के घटित होने का पुनः आता दिख रहा है । मैने अपने ब्लाँगपोस्ट मे सभी बाते
स्पष्ट कर दी हे । कृपया मेरे द्वारा लिखे ब्लाँगपोस्ट पर कार्यवाही कर
मुझे न्याय दिलाने बाबत आदेशित करे । चूंकि जब तक मै जीवित रहूंगा तब तक न्याय की गुहार लगाते रहूंगा । मै किसी का बुरा नही करना चाहता ऐसा सोचकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहूंगा ।
अपने धार्मिक और समाजिक कार्य अपने स्तर से करते रहूंगा । मै कर्म करने से अच्छे कर्म करने से कभी नही डरता । मेरे कर्म ही मेरे भगवान है । मै जाति और धर्म परि-
वर्तन की भी सोच रहा हूं वैसे भी मेरे परिवार मे सभी धर्म और जाति के लोग है । सभी लोग अपना धर्म को मानते हुऐ हिन्दु धर्म को प्रधानता देते है । मेरे सामने ढेरो आँबशन है परंतु ये सब यहां की सरकार पर भी निर्भर करता है ।जब मै सब कुछ भूलकर आगे बढ़ना चाहता हूं तो म०प्र०सरकार के साथ-साथ केन्द्रसरकार को भी एक कदम बढ़ाना चाहिए ताकि आगे सफर अच्छे से कट सके ।
मेरे जीवन मे दो बड़े हादसे हो चुके है जिसका चिंतन-मनन करने से वास्तविकता सामने आई उसी को मै आमजनो को काउंसिलिंग करते समय शेयर करता हूं। आज मेरा बुरा वक्त चल रहा हैवो भी प्रभु की इच्छा है तो स्वीकार है । सबसे बड़े दुख की बात तोयह है कि "बाप को बेटो के कंधो पर जाना चाहिए किन्तु मेरे कंधो पर दो-दो बेटे चले गये ।" ऐसा किसी के साथ ना हो ।
आज मुझे अपने आप से तो नही किंतु आमजनो से डरने लगा हुं । मेरे दो शेर जो 100-100 पर भारी पड़ते थे वो अब नही रहे । वे लौटकर जरूर आऐगे उसके बाद ही मेरे दिन बदलेगा । आज मै बहुत परेशान हूं जिसका अनुचित लाम ना उठाऐ ।
लेखक-आलोचक-सलाहकार
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