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Showing posts from October, 2023

बड़-बड़े सेलेब्रिटीज़ के टूस्ट, आश्रम, मंदिर चलते है - श्रीरामधुन

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बड़े बड़े सेलेब्रिटीज़ के चाहे वे अमीर, नेता हो या अफसर हो उनके धार्मिक-सामाजिक टूस्ट, आश्रम चलते है  और इसी के साथ ही साथ इनका पैसा अनेको स्कूल काँलेज ,टूस्ट, स़गठनो मे ,कम्पनी अर्दशासकीय संगठने मै इनके शेयर होते है । ये लोग कमीशन के अलावा अपनी दो नम्बर की कमाई का उपयोग करके सरकार मे सलकार को लूट रहे है  । जब ये सत्ता मे आते है या होते है उसी समय से ये कार्य शुरु कर देते है ये सलाहकार सरकारी अफसर होते है आज का सत्यवादी शीध्र ही अपने ब्लागरपोस्ट मे डालने वाली है इस पर सर्वे कार्य जारी है ।        भोपाल म०प्र० ऐसे अनेको लोग है जौ नेतागिरी कर रहे है पंच सरपंज,पार्षद,महापौर,विधायक, मंत्री मुख्यमंत्री ,सांसद,केन्द्रीय मंत्री और सरकारी कर्मचारी, अफसर है है जिनके स्वयं टूस्ट अथवा समितियां है जो सरकारी अधिक्रमण कर अनुदान अथवा चदां के पैसो से चल रहे है । अब इन टूस्ट ,मंदिरों मे दान पेटीयो की चोरी भी होनै लगी है । एक दानपेटी हमारे टूस्ट मे भी रखी हुई है और वर्षो से रखी है खाली है सबको चोरो को भी मालुम है इसी वजय चोरी नही हो रही है जबकि टूस्ट  मे लोगो क...

आज मेरे पास कुछ भी नही है ,सिर्फ मेरी हिम्मत है ! "श्रीरामधुन"

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आज मेरे पास कुछ नही है , सिर्फ मेरी हिम्मत ही है --और मेरी हिम्मत ही मेरा सहारा बनी हुई है  । मेरी सकारात्मक उर्जा ही मुझे आगे बढ़ने से रोक नही पा रही है । मुझे अपना लक्ष्य भेदन वाली मछली की आँख दिखाई दे रही है बस तरकस से तीर निकालकर लक्ष्य भेदन क्रिया को अंजाम देना है और वो समय जल्द ही आने वाला है बस थोड़ा समय जरुर लग रहा है ।मेरी हिम्मत मे री पत्नी व बच्चे भी शायद हो सकते है शायद  ।              वर्षो पुराने नियमो और सिध्दांत पर चलते हुऐ नये निममो का धारण करना फिर उसको नियमित करने से नये नये रास्ते जरुर खुलेगे ।हमारे अनगिनत विचार आतै-जाते है । ये विचार अच्छे भी होते है और बुरे भी होते है जो समयकाल देश परिस्थिति के अनुसार होते है । अच्छे  और बुरे विचार सतसंग करने से आते-जाते रहते है । अच्छा सतसंग मोक्ष की प्रथम सिढ़ी होती है । बुरे सतसंग से हमेशा इंसान बुरा ही होता है । कभी कभी इन दोनो मे बीच का रास्ता  भी रास्ता होता है जो ज्ञानी पुरुष ही कर सकने सक्षम होता है ।इसे हम मैनेजमेंट का भी रास्ता कहते है । इस रास्ते की खोज करने वाले लोग उस...

कल-आज-कल का इतिहास मे आज का सत्यवादी-श्रीरामधुन-23 अक्टूबंर

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कल-आज-कल का इतिहास मे "आज का सत्यवादी" श्रीरामधुन        आज का इतिहास                                   मे।                                           आज का      सत्यवादी समाचार    R,NlI MPHIN/2012/49080        आने वाले कल की         जाने वाले का कल और               आजकी जानकारी तथा्आने वाले भावी घटनाओं का उल्लेख करते है जिससे इतिहास बनता है और उसीके अंतर्गत है                       आज का सत्यवादी की ऐतिहासिक  घटनाऐ - 1* 1 नवंबर 1956 आंध्र प्रदेश कर्नाटक और केरल का एक हिस्सा मद्रास प्रेसीडेंसी से अलग हो गया अक्टूबर 1956 में 75 दिनों की है अनिश्चितकालीन उपवास के बाद तमिल विद्वान और ...

अभी आपके पास समय है सब कुछ कर सकते हो ! श्रीरामधुन

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अभी आपके पास बहुत समय है हम सब कुछ कर सकते है। बदलाव मे ही बदलावट आऐगा । फिर से बदलाव लाना होगा  किन्तु अपने अंतर्मन  मे बदलाव  लाना होगा । मन से मानकर इंसानो का जीवन जिओ । यह राह कठिन जरुर है लेकिन असंभव भी नही है ऐसा मानना है गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन का - बहुत समय की पहले की बात है कि जब ऋषि मुनि लोग तपस्या में लीन रहते थे और देश में कोई भी संकट आता था तो वहां के स्थानीय राजा को अवगत करा कर उन समस्याओं को दूर करवा देते थे ।  पहले के ऋषि मुनियों में मन की शक्ति बहुत तेज थी । मन से बैठे-बैठे वह सब कुछ देख लेते थे, कर लेते थे ,आने वाली विपदाओ को बता देते थे । अतः  त्रिकाल दृष्टि हुआ करते थे आज भी वही स्थिति निर्मित हो रही है,चल रही है ।  आज वही ऋषि मुनि मोबाइल के वैज्ञानिक तथा हर  क्षेत्र माहरथ बनकर इस पृथ्वी पर जन्म लेकर विचरण कर रहे हैं ,जो नाना प्रकार की सेवाएं मोबाइल में टीवी में प्रसारित कर रहे है । समय बदला नहीं है हमारा मन बदल गया है , हमारी सोच बदल ग ई है । उसी मन में को एकाग्र करना अति आवश्यक हो गया है किंतु आदमी की चिंताएं इतनी अधिक प्रबल हैं...

कल-आज-कल का इतिहास मे "आज का सत्यवादी" का सार "श्रीरामधुन"

मूर्ख बनाने वालो की जय-जयकार हो!

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"मूर्ख बनाने वालो की जय-जयकार हो "     इसी एक लाईन के अंतर्गत पूरा संसार चल रहा है । यह एक प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष रुप से , जब से दुनिया है तभी से चला आ रहा है इतिहास मे इस बात के अनेको उदाहरण देखने को मिलते है । कोई भी समझना नही चाहता है और जो समझ रहे है वे इसका प्रतिरोध नही कर पा रहा है ।      अनेको लोगो से यह प्रशन्न किया गया कि पूजा किसकी की जाना चाहिए ? किसी ने भगवान,किसी ने अल्लाह ,किसी ईशुमसीह की ,किसी गुरुग्रंथ साहिब की तो किसी ने अपने छत्तीस करोड़ देवी देवताओं के नाम बतलाऐ । इन लोगो मे से किसी ने भी सही नही बतलाया कि पूजा किसकी करनी चाहिए । उन्होने  तो बिना जाने-पहचाने एक अदृश्य शक्ति का नाम बतलाया है । देखा नही है । सिर्फ सुनी-सुनाई बाते बतलाई है। उन्होंने यह नही बतलाया कि प्रकृति की ,पृथ्वी धरती माता, माता-पिता की पूजा करो । इनकी पूजा करने के लिऐ कही नही जाना पड़ेगा  । ये सब लोग आपके मन मे है , हृदय मे बसते है इनसे मांगकर तो देखो आपकी मनोकामना स्वत: पूरी ह़ो जाऐगी । इन्ही लोगो के कारण आप हो आपका अस्तित्व है दुनिया देख रहे हो , खा रहे हो,पी रहै ह...

कल-आज-कल मे आज का सत्यवादी! "श्रीरामधुन" का इतिहास

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   कल-आज-कल मे आज का सत्यवादी "श्रीरामधुन का इतिहास      आज का इतिहास                                   मे  30 अक्टूबंर के इतिहास के साथ साथ 30-10-2023 का सार तत्व      आज का सत्यवादी समाचार    R,NlI N MPHIN/2012/49082        आने वाले कल की         जाने वाले का कल और               आजकी जानकारी तथा्आने वाले भावी घटनाओं का उल्लेख करते है जिससे इतिहास बनता है और उसीके अंतर्गत है                       आज का सत्यवादी की ऐतिहासिक  घटनाऐ - 1* 30 अक्टूबर 2013 में तेलंगाना के भावनगर में आग लगने से 44 लोगों की मौत हुई थी 2* 30 अक्टूबर 2008 स्टेट बैंक का जयपुर में फिक्स डिपाजिट की बिक्री एक प्रतिशत की कमी थी 3* 30 अक्टूबर 2008 असम की राजधानी गुवाहाटी और 13 अन्य स्थानों पर श्रेणीबद्ध मूर्ति...

मै न्यायप्रिय व्यक्ति हूं ,सत्यमेवजयते ! "श्रीरामधुन"

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मेरा न्यायप्रिय व्यक्ति हूं  ! "सत्य-मेव- जयते " ! गुरुजीसत्यवादी  श्रीरामधुन         मैं जब से अपना होश संभाला और मुझे अच्छे से याद है कि मैं अपने न्यायप्रणाली के अंतर्गत  हमेशा कार्य किया है उसकी वजह से मुझे आज तक  कठिनाइयों से गुजरना पड़ा है ।फिर भी मैने हिम्मत नही हारी और सत्य का साथ नही छोड़ा और ना ही माननीय न्यायालय की शरण मे गया चूंकि अब मेरे पास समय नही है कि मै अपना शेष जीवन को थाना, कोर्ट, अदालतो मे बरबाद करु और मेरे पास इतना भी नही है जो वकीलो पर खर्च करु ।  यदि मैं अपनी परेशानी को बताने लगूंगा तो एक पूरी पुस्तक लिखी जा सकती है। लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगा और वही बातें शेयर करूंगा जो ज्यादा जरूरी है        लिखते लिखते न्याय करते-करते अब मैं थक चुका हूं और वह भी बुरी तरह थक चुका हूं । और ना ही सत्य  का साथ छोड़ा । रोज जिसके भी साथ न्याय करता हूं तो वह व्यक्ति तो खुश हो जाता है किंतु सामने वाले को आरोपी   को जो दुख होता है उसका भी एहसास मुझे होता है । अब  ऐसे में कभी-कभी सोचता हूं ...

कल-आज-कल का इतिहास मे आज का सत्यवादी समाचार...."श्रीरामधुन"

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कल-आज-कल-का-इतिहास मे आज-का सत्यवादी का सारतत्व        आज का इतिहास                                   मे।                                       आज का सत्यवादी समाचार    R,Nl MPHIN/2012/49080        आने वाले कल की         जाने वाले का कल और               आज की जानकारी तथा्आने वाले भावी घटनाओं का उल्लेख करते है जिससे इतिहास बनता है और उसीके अंतर्गत है                       आज का सत्यवादी की 29 अक्टूबंर के दिन की घटित ऐतिहासिक  घटनाऐ - 1* 29 अक्टूबर 2015 चीन में एक बच्चे की नीति को खत्म करने की घोषणा की थी 2* 29 अक्टूबर 2012 अमेरिका के पूर्वी तट पर सैंडी तूफान के कारण 286 लोगों की मौत हुई थी 3* 29 अक्टूबर 2008 असम में ...

बाल्यावस्था,युवाअधेड़ औरवृध्दावस्था तय है ! .................."श्रीरामधुन"

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 "बच्चा हो,युवां हो, अधेड़ावस्था हो सबको वृध्दावस्था के दौर सें गुजरना है !"और गुजरना ही पड़ता है ,यही कर्मो का लेखा-जोखा पूरा करने के बाद  शरीर रह जाता और आत्मा परमात्मा मे विलीन हो जाती है । इस प्रक्रिया से सभी कौ गुजरना पड़ता है ।         इंसान अपने माँ-बाप को, जो उनके जन्मदाता है उन्है जानबूझ कर कभी भी कोई दुख नही देता है उनकी सेवा करना चाहता है । फिर भी अनेको घटनाएं घटती है जिनका संबंध माँ- बाप से संबंधित होती है ,दुख तकलीफो से संबंधित होती है । ऐसा क्यूं होता है ? जब इसका सर्वे कराया गया तो यतार्थ तथ्य सामने आऐ । उन्ही तथ्यो से अवगत करवाया जा रहा है :- वे लोग जिनका बुढ़ापा अच्छा बीतता है  :-- 1 * जो घर का छोटा-मोटा काम करते रहते है । गुस्सा नही करतेऔर शांत रहते हे । 2* अपना काम ज्यादातर स्वयं कर लेते हो । 3* सबकी हाँ मे हा ना मे ना मिलाने का कार्य करते है । 4* मानसिक रुप से स्वस्थ्थ के लिऐ अपने आपको हमेशा रहते हो  5* नियमित हल्का फुल्का व्ययाम करे,टहलना भी जरुरी है । 6* खाली समय का उपयोग करते रहना चाहिए । 7* ये सभी मानसिक...

समय की डोर कमजोर होनै के संकेत!

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"समय की डोर घिसते घिसते कमजोर होते जा रही है "         समय अपनी गति से चल रहा है किन्तु इंसानो को यह महसूस हो रहा है समय तेजी से गुर रहा है जबकि हकीकत यह है कि हमारे जीवन का समय कम होता जा रहा है । हम समझ रहे है कि अभी बहुत समय है आज का काम कल पर और कल कभी आता नही है,यह भूल जाते है । इसलिए मेरा कहना है कि समय बहुत ज्यादा कीमती है और एक एक क्षण का सदुपयोग करे तभी हम समय से जीत सकते है । चूंकि हमारे जीवन बहुत से अधूरे कार्य है जिन्हे पूरै करने है ।बहुत सी जिम्मेदारीया है उन्हे भी निभानी है । अधूरे कार्य और जिम्मेदारीयो के लिऐ समय बहुत ही कम है अतः एक भी क्षण व्यर्थ ना गवाऐ यही समय की मांग है । "खाली दिमाग शैतान का घर" को समझे और उस खालीपन का सही उपयोग करे ।       एक बच्चा जब इस दुनिया मे आता है उससे इंसान को सबब सीखना चाहिए । जब बच्चा गर्भ मे आता है वही से उसका भाग्य लिखना शुरु होता है और नो माह अच्छी अच्छी शिक्षा दी जाती है और वह जो जो ग्रहण करता है वह  बाहर आते ही भूलने लगता है और भगवान की बनाई इस सुंदर मनमोहक दुनिया को देख...

कल-आज-कल के इतिहास मे "आज का सत्यवादी" का सार- ..."श्रीरामधुन"

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कल-आज-कल का इतिहास       आज का इतिहास                                   मे।                                  आज का सत्यवादी समाचार    R,NlI N MPHIN/2012/49082        आने वाले कल की         जाने वाले का कल और               आजकी जानकारी तथा्आने वाले भावी घटनाओं का उल्लेख करते है जिससे इतिहास बनता है और उसीके अंतर्गत है                       आज का सत्यवादी की 28 अक्टूबंर की ऐतिहासिक  घटनाऐ   1* 28 अक्टूबर 2012 जर्मनी के सदस्य मेटल ने वर्ष 2012 का फार्मूला 1 इंडियन प्रो जीता था 2* 28 अक्टूबर 2009 पाकिस्तान के पेशावर में बम विस्फोट से 117 मारे 213 घायल हुए 3* 28 अक्टूबर 2004 बीजिंग में 4000 वर्ष पुराने मकबरों का प...