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Showing posts from January, 2022

आज " कार इंश्योरेंस डे "

   आज का दिन "कार इंश्योरेंस डे"है जो देश-विदेशो की आर्थिक स्थिति तथा आत्म सुरक्षा की गारन्टी प्रदान करता है । आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2022-23 मे वृध्दि दर 8 से 8'5% बढ़ना बतलाया गया है । आर्थिक गतविधिया महामारी एवं प्राकृतिक आपदाऐ -पूर्व स्तर पर लौटी रही है । महामारी और प्राकृतिक आपदाओं ने पूरे सम्पूर्ण विश्व को बदल कर रख दिया है ।      आज भारत की आबादी तो बढ़ ही रही है साथ ही यहाँ पर रहने वाले लोगो के पास 30 मिलियन कार है । इस कार का उपयोग करने वाले देशो मे भारत 4 थे पायदान पर है । कार इंश्योरेंस की अनेको देशी-विदेशी कम्पनी लगभग 57 है जिसमे से कार इंश्योरेंस करने वाली 25 कम्पनी है । लोग यह भी जानना चाहते है :- (1) कार इश्योरेंस कम्पनी कितनी है (2) भारत मे कितनी कारे इंश्योरेंस के       बिना चल रही है. (3) कबाड़े वाली कारो का इस्तेमाल ? (4) सेकेण्ड हेन्ड कार की विक्री कितनी कम्पनीया कार्यरत है ?  (5) बैंकों द्वारा लोन पर ली गई कारो की जब्ती कारो पर जो गोरखधंधा चल रहा है, उस पर सरकार ने अभी तक स्पष्ट नही किया है और ना ही जनहित मे हितग्राहियों को कितना लाभ दिया गया है

आज नेशनल हाँट चाकलेट डे

   आज हाँट चाकलेट दिवस है । आज के दिन जिन देशो मे ठंडी ज्यादा पड़ती है वहां पर नेशनल हाँट चाकलेट डे मनाया जाता है । वैसे भी वर्ष का हर दिन अपने आप मे खास दिवस के रूप मे मनाया जाता है । आज भी खास दिवस  है ,वैसे ही जैसा हर कर्मठ व्यक्ति के रोजाना क्रियाकलापों से थोड़ा हट कर,कुछ  ना कुछ अलग से हो,ऐसा करना ही खास दिवस होता है । आज का दिन जनवरी 2022 का आखिरी दिन सोमवार तारीख 31-01-2022 है जो अंको की दुनिया मे "अंकशास्त्री श्रीरामधुन" गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन के अनुसार आज का दिन विवादों से घिरा हुआ दिन है जो किसी किसी के लिए 10% लोगो के लिऐ लाभकारी भी है ।    आज का दिन खास बनाने के लिऐ नेशनल/ राष्ट्रीय/ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपसी समान्जस का ऐक प्रतीक दिवस है ।  गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन ।

आज "गांधी जी की पुण्यतिथी "

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  आज 30 जनवरी के दिन सारे विश्व मे "गांधी जी की पुण्यतिथि "मनाने का आयोजन किया जाता है। आज "कुष्ठ रोग निवारण दिवस" भी मनाया जाता है।इन दोनो दिवस एक साथ मनाने के पीछे कुछ षड़यंत्रकारी लोगो की , राजनीतिक षड़यंत्र भी हो सकता है अथवा नही भी हो सकता है ? आज कुछ लोग खासतौर से मीडिया और कुछ लोग अपनी वाह-वाही,प्रसिद्धि के लिऐ गांधीजी को बदनाम करने का कार्य कर रहे है । यह उनका कार्य अशोभनीय श्रेणी मे आता है । इनके ये कार्य आमतौर पर आमजनो की धार्मिक, सामाजिक भावनाओं को ठेस पहुचते है जो सरासर गलत है । हमारी भारत सरकार इस पर कुछ नही कर पा रही है । ऐसे समय मे वे गांधीजी के समर्थक कहा चले जाते है जो आज के दिन गांधीजी के नाम पर अपने आपको गांधीजी का समर्थक बता कर  उनकी पुण्यतिथि मनाने का श्रेय, लाभ उठा रहे है । गांधीजी के नाम अनेको लाभ उठा रहे ,टूस्ट चला रहे हैं ,देश से करोड़ों रू० फंड ले रहे हैं । कहाँ है वे गांधीवादी लोग ?  गांधी जी जैसे भी थे, उन्होने क्या क्या किया व नही किया, अब तो दुनिया में नही है तो उनके बारे मे अब किसी को उनके बारे मे कहने, बोलने का अधिकार नही है । गांधीजी जी

आज,"राष्ट्रीय पहेली दिवस "

   29 जनवरी को राष्ट्रीय पहेली दिवस के रूप मनाया जाता है । पहेलियां बूझने पर दीमाग पर जोर पड़ता है और हमारी याददाश्त पर भी फर्क पड़ता है । यह मानसिक बढ़ाने का भी तरीका है ऐसा माना जा सकता है ।पहले-पहल याददाश्त को बढ़ाने के लिए बच्चों के प्राईमरी कोर्स की पुस्तकों मे इस्तेमाल किया जाता था। पजल गेम से लाभ- दीमाग का व्यायाम होता है । यह एक प्रकार का मस्तिष्क गेम है। याददाश्त बढ़ती है । उपयोगी व्यायाम है, कैसे ,जाने ?  (1) पहेली खेलने से जैसे अंताक्षरी खेलने से तुरंत दीमाग अपना कार्य तेजी से बोल के अंतिम अक्षर पर जाता है और उसके बोल याद आ जाते है । (2) दैनिक समाचार पत्रों मे पहेली वर्ग के डिब्बे नुमा बाँक्स को भरने से भी दिमागी कसरत होती है । यह क्रासबर्ड पहेली होती है जिसे बड़े लोग बड़ी उम्र के लोग खेलते है । धीरे-धीरे यह भी लुप्त होते जा रहा है ।पहले यह बच्चों की किताबों से हटा फिर समाचार पत्रों से हटा । (3) पजर गेम,कम्प्यूटर गेम की अनेको सीढ़ी पार करते हुए 21 वी शदी मे पहुचकर दीमाग को कम्प्यूटरीकृत बना दिया । (4) आज के दिन हर व्यक्ति का दीमाग बहुत ज्यादा तेजी से विकसित हो गया है कि इसके  इतिहास

भारत की बढ़ती आबादी, चिंंताजनक

    भारत की बढ़ती आबादी को रोकने के लिए सरकार द्वारा अनेकों उपाय किए गए किंतु सभी कारगार उपाय सफल नहीं हुए । इस असफलता का सबसे बड़ा दुश्मन है, हमारा संविधान । संविधान में ऐसी कई बातों का उल्लेख नहीं किया गया है जिसके कारण समय-समय पर कानून के जरिए लोग बच जाते हैं ।आज उसी का फायदा एक विशेष वर्ग उठा रहा है और आबादी बढ़ा रहा है । उस पर विचार विमर्श कर नए कानून बनाकर इसे रोका जा सकता है ,किंतु इसकी पहल कौन करेगा ! कौन इमानदार है ? देश के प्रति कोई नहीं ?  सभी लोग भ्रष्टाचार  में लिप्त होकर अपना और अपने परिवार वालों के ही बारे में सोचते हैं । उन्हें ना तो समाज की चिंता है और ना ही देश की । कोई अपना नाम इतिहास के पन्नों में लिखवाने में लगा है तो कोई मसीहा बनने बनने में लगा हुआ है ।  आबादी बढ़ेगी नही तो क्या होगा ? आबादी  में जिसकी आबादी ज्यादा होगी उसी का शासन होगा ,राज्य होगा । तब क्या होगा ,जब जातिगत सरकार बनेगी।  तब दूसरे अन्य जातियों पर हावी नहीं होगा और परेशान नहीं किया जाएगा । क्या देश में अराजकता नहीं फैलेगी ?     वैसे इस संबंध में अर्थात जनसंख्या की वृद्धि को रोकने के लिए कुछ कारगार ब

आज "लाला लाजपतराय जंयती"

आज का दिन बड़ा ही महत्वपूर्ण दिन है जिसके बहुत से कारण है । आज के दिन के बारे मे इतिहास मे बहुत सारी घटनाएं घटित हुई है जिसमे से क ई घटनाओं ने इतिहास रचा तो क ई इतिहास के पन्नो मे ही रह गई । उन्हीं इतिहास के पन्नों मे आज " लाला लाजपतराय की जयंति" है ।इस  जयंती के सुअवसर पर टूस्ट "माँ आदिशक्ति दर० धार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट" द्वारा वर्षों से "महान पुरुषों/संतो की जयंती एवं पुण्यतिथि मनाने का आयोजन "आयोजित किया जाता है । टूस्ट के इस आयोजन में ऐसे लोगो के बारे उन्हे पुष्पांजलि दी जाकर संगोष्ठी कर,उनकी अच्छाई के बारे मे चर्चा की जाती है।     सारे विश्व मे बहुचर्चित नामो मे से एक नाम है लाला लाजपतराय । इन्हे पंजाब केसरी के नाम से भी जाना जाता है । भारत की आजादी मे इनका बड़ा योगदान रहा है । लाला लाजपतराय का जन्म आज ही के दिन पैदा हुऐ थे और 17नव०1928 को सदा सदा के लिए चिरनिद्रा मे लीन हो गए थे। उन्हे श्रृद्धजली देते हुए महात्मा गांधी ने कहा था "भारत के आकाश पर जब तक सूर्य का प्रकाश रहेगा, लालाजी जैसे व्यक्तियों की मृत्यु नही होगी, वे अमर रहे ।" टूस्ट के सभ

अटरिया मे बैठा काला कौआ ...

    "अटरिया पर बैठा काला कौआ"  हमेशा काँओ काओ करके नानाप्रकार के संदेशों का प्रसारण,एक विविध भारतीय प्रसारण की तरह करता है । इन प्रसारणों मे विज्ञापनो के अलावा मनोरंजन ,गाने तथा खबरो का समावेश होता है ।     रोजाना सुबह उठते ही -"काओ- काओ" करते हुऐ झाड़ू वाली से कहता है - बाई-बाई झाड़ू ठीक से लगाओ, कचरा ठीक उठाओ,ढ़ेर मत लगाओ ! थोड़ी देर  बाद कचरे वाली गाड़ी,गाना बजाते आती है -काओ-काओ,बाई वो देखो कोई चिल्ला रहा है,उससे कचरा ले लो,काओ काओ । सबसे आखिरी मे कचरा उठाने वाली गाड़ी कचरा उठाने आती है -हे, भैय्या ,ठीक से कचरा इक्काठा कर कचरा उठाओ-काओ-काओ ।    सुबह सुबह उठते ही सारे मोहल्ले वाले आस-पड़ोस के लोगो को अपनी काओ-काओ कर्कस आवाज से परेशान करते रहता है । जोर जोर से चीखना,खासना,छीकना,लोगो से जोर जोर से सड़क पर चलने वालो से बाते करने से ,"काओ-काओ "करने से पूरा मोहल्ले वाले परेशान होते है ।      "काओ-काओ" के सुरताल मिलाने के लिए कोयलरानी भी आ जाती है। कोयलरानी अपनी मिठास वाली बोली भूल चुकी है । कोआ के ना रहने पर वह भी उसी सुरताल मे "काओ- काओ"करती है

26 जनवरी"गणतंत्र दिवस ...

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  आज का दिन भारत के संविधान को लागू हुए 73 वाँ "गणतंत्रता दिवस"  कोरोनाकाल को देखते हुए ,सादगी के साथ मनाया गया । प्रति वर्ष की भांति वर्ष 2022 मे भी गणतंत्रता दिधस  टूस्ट " माँ आदिशक्ति दर० धार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट " भोपाल के प्रागड मे झंडारोहण का कार्यक्रम का आयोजन किया गया  जिसमे टूस्ट के संस्थापक, संम्पादक,अध्यक्ष,काउंंसलर  गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन के अलावा टूस्ट के पदाधिकारी तथा टीलाजमालपुरा भोपाल के सम्मानीय आमजनो के अलावा श्री सुनील सिंहल,आगरा दरी भंडार भोपाल विशेष अतिथि श्री बी एल शर्मा वयोश्रेष्ठ, बद्री प्रसाद, राजेश सहगल,नरेन्द्र यादव ,विकास वाधवानी, अर्पित कुंवर,रुचित , अभिनय कुंवर ,सी पी शर्मा, लाड़सिह चन्द्रकुमार ललवानी ,रीतेश रघुवंशी  के साथ साथ लगभग 20 लोगों ने इसमे भाग लिया । राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त,व 26 जनवरी के अलावा "महान संतो/ व्यक्ति यो की जन्म तिथी व पुण्यतिथि मनाने बाबत आयोजन"  वर्ष 2006-07 से लगातार किया जा रहा है और म० प्र० सरकार को भनक भी नही लग रही है अथवा अनदेखा किया जा रहा है । इन कार्यक्रमो को नैताओ व स्थानीय संभ्

आज "आयरिश काँफी डे "

    आज का दिन है "आयरिश काँफी डे" । वर्ष मे 365 दिन होते है । जो अपने एकता मे अनेकता के लिऐ प्रसिद्ध है । विश्वस्तरीय, राष्ट्रीय स्तर के साथ साथ धार्मिक, तीज-त्योहार व सामाजिक क्रियान्वयन को प्रदर्शित करते है ।      कोई ना कोई दिन,हर दिन अपनी विशेषता के लिए प्रसिद्ध होता है जिसे आमजन अपने जीवन मे कैसे मनाएगा यह तय करता है ।   ठीक इसी प्रकार से आज का दिन है "आयरिश काँफी डे" कैफीनयुक्त मादक पदार्थों से निर्मित पेय चीजो का इस्तेमाल किया जाता है, रेस्टोरेंट मे जाकर अपनी ईच्छानुसार सेवन कर मनाया जाता है । इस काँफी डे पर सभी प्रकार के कैफीनयुक्त पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है ।      आज का दिन और वर्तमान समय की शिक्षा देने के लिए ही गुरूजीसत्यवादी श्रीरामधुन ने इस लेख और काँलम को चुना है । अपने संदेश के माध्यम से समय का महत्व समझाने की कोशिश की गई है ।उनका मानना है कि यदि एक भी व्यक्ति को इसका लाभ मिलता है तो उनके जीवन का उध्देश सफल हो जाएगा । "आज का काम कल पर ना छोड़े, जो भी करना हो वो अभी से ही शुरु कर दे इसी मे आपकी भलाई है " गुरूजीसत्यवादी श्रीरामधुन ।

आज राष्ट्रीय बालिका दिवस ...

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    आज 24 जनवरी को "राष्ट्रीय बालिका दिवस" के नाम से पूरे भारत मे मनाया जाता है । टूस्ट "मां आदिशक्ति दर० धार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट"भोपाल द्वारा चलाऐ जा रहे अभियान "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" के अंतर्गत जागरूकता अभियान विगत 13 वर्षों से चलाया जा रहा है ।प्रशासन और सरकारी आँफीसर के बेरूखी रवैये के कारण टूस्ट को किसी भी क्षेत्र मे सफलता नही मिल रही है।    भोपाल म०प्र० की राजधानी है और यही पर सभी प्रकार की असमाजिक तत्वों की गतिविधियां सबसे अधिक मात्रा में चल रही है । कम उम्र की लड़कियों की शादी कर दी जाती है और इस कार्य मे समाज भी उनकी सहायता कर बढ़ावा देता है ,मान्यता देता है । अत: यह सामाजिक बुराईयों को दूर करने बाबत टूस्ट ऐसे लोगों को काउंसलिंग के माध्यम उचित सलाह देते हुए अपना कार्य बड़ी ईमानदारी के साथ कर रहा है । क ई बार वाद-विवाद और झगड़े की भी नोबत आ जाती है जिसे टूस्ट अपने तरीके से हल कर लेता है ।     सरकार द्वारा" राष्ट्रीय बालिका दिवस" पर आऐ दिनो अनेको योजनाएं बनाई जाती है जो क ई सफल होती है तो क इयो पर कुछ कार्य ही नही होता है । गुरुज

भगवान कृष्ण के संदेश मे छुपा रहस्य.

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    भगवान श्री कृष्ण बचपन में माखन चोरी की अनेकों लीलाएं करते थे ः  माखन चोरी की घटनाओं से गोकुल वासियों बहुत ज्यादा परेशान थे ।  यशोदा और नंद बाबा भी परेशान थे। एक दिन नंद बाबा ने विचार किया कि  यह सब कृष्ण का खेल है अथवा उसके पीछे कोई रहस्य छुपा है ।    नंद बाबा ने सभी के सामने कृष्ण से पूछा --    "तुम , माखन चोरी क्यो करते हो ?" "हमारे घर मे किसी चीज की कोई कमी नही है, फिर भी माखन चोरी क्यों करते हो,साथ में मटकियां क्यो फोड़ते हो ?"     कृष्णा ने कहा  - "आप लोग अपनी मेहनत और ईमानदारी से दूध ,दही ,घी  माखन तैयार करते हो और फिर उन्ही चीजो को  राजा कंस को टैक्स के रूप में मुफ्त में दे देते हो ।      इस तरह की कुव्यवस्था और दुष्ट सत्ता कैसे समाप्त होगी  ? अगर आप लोग उसको कर देना बंद कर नहीं करेंगे तब तक मैं ऐसी ही तोड़फोड़ करते रहूंगा अतः आप लोग इस विचार को स्वयं कर ले ।      कृष्ण ने  बचपन से ही यह सीख दे दी  है कि हमें ईमानदारी और परिश्रम से कमाई गई धन-संपत्ति दुष्ट  लोगों को नहीं देना चाहिए । हम  ऐसी मेहनत ना करें, जिससे किसी बुरे व्यक्ति को लाभ मि

आज राष्ट्रीय पराक्रम दिव

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   प्रति वर्ष की भांति आज 23 जन० को टूस्ट " माँ आदिशक्ति दर० धार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट "भोपाल के द्वारा " "महान पुरुषों/संतो की जयंती व पुण्यतिथि मनाने बाबत आयोजन" के अंतर्गत " आज राष्ट्रीय पराक्रम दिवस" मनाया गया । इस आयोजित कार्यक्रम टूस्ट के माननीय सदस्यों द्वारा सभी महान पुरुषों को याद कर उनके कार्यों की सराहना करते हुए नमन् कर श्रृध्दासुमन अर्पित किए ।     देश के स्वतंंत्रता संग्राम के अग्रेणी रहने वाले नेताजी सुभाषचंद्र बोस का नाम आता है । द्वितीय महायुद्ध विश्व युद्ध के समय नेता जी ने अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ने वाली हिंद फौज का गठन किया था । जय हिंद नारा दिया था।  इनका जन्म 23 जनवरी को कटक में हुआ था ।नेताजी की मृत्यु को लेकर आज भी विवाद है ।उनके परिवार के लोगों का आज भी कहना है कि सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु नहीं हुई उन्हें रूस में नजरबंद किया गया था। आज उनकी 125 वी जंयति है।   भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा है कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125 वी जंयती के दिन को अर्थात 23 जन० को" राष्ट्रीय पराक्रम दिवस" के

प्रेम भाव का भूखा हूं ....

    मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के क्षेत्र में कई करोड़पति  है जो ,कभी किसी की गुलामी करते थे ,नौकरी बजाते थे वे सब आज करोड़पति बन गए हैं ।  समय का पहिया चला और फिर से वह अपनी पुरानी स्थिति में धीरे-धीरे पहुंचने लगे हैं। एक करोड़पति बहुत मुसीबत में था।  करोड़ों रुपए का घाटा लगा और जीवन की मेहनत  डूबने के करीब थी । मंदिर पर मंदिर बनवाया किंतु सही ढंग से पूजा-पठ नहीं की ।  पूजा के लिए पंडितों को नौकरी पर रखा साथ ही साथ अन्य कार्यो हेतु अनेको नोकर चाकर रखा,किंतु समय पर कोई भी काम नही आया । अपनी तथा अपने परिवार वार के लिऐ सभी प्रकार की सुविधाऐ दी । भाई बहनों की स्थिति भी दिनो-दिन  खराब होने लगी । घर में सभी बच्चों का प्रतिरोध शुरू हो गया ।  कुल मिलाकर चारों तरफ से परेशानियों में गिरा हुआ था । दुख की घड़ी में वह भी मंदिर गया।  सुबह जल्दी उठकर नहा धोकर मंदिर पहुंचा ताकि वह पहली प्रार्थना लगा सके । लेकिन हैरानी यह हुई कि उससे भी पहले एक फकीर मंदिर में मौजूद था । अंधेरा था ।  वह फकीर के पीछे खड़ा हो गया और सोचने लगा कि आखिर वह क्या मांग रहा है ।मेरे पास तो मुसीबत है । भिखारी के पास क्या मुसीब

हजरत मूसा

    एक बार की बात है - एक पर्वत की चोटी पर बैठा हुआ गडरिया ईश्वर से प्रार्थना कर रहा था ।" हे मेरे मालिक, अच्छे मालिक, तू मेरे पास आ ,यदि तू मेरे पास आएगा तो मैं तेरा गुलाम बनकर तेरी दिन-रात सेवा करूंगा । मैं तेरी दाढ़ी मे कंगी करूंगा ,तेरे बालों में से जुएं निकालकर तेल लगाउगा । सारे शरीर की मालिश करूंगा, तेरे लिए नरम नरम बिछौना बिछाकर लोरी सुनाउंगा, तू बीमार पड़ेगा तो मैं तेरी सेवा करूंगा । इस प्रार्थना के बीच  में उसी रास्ते से हजरत मूसा निकल कर जा रहे थे ।  उन्होंने गडरिया की प्रार्थना सुनी , और गजरिया से बोले - "अरे मूर्ख क्या बोल रहा है, खुदा के कहीं बाल होते हैं वह कभी बीमार होते है ,वे  तो सर्शक्तिमान है जो कभी बीमार नहीं पड़ते और तू ना ही उन्हें तेरी तेरे जैसे गुलाम नौकर की आवश्यकता है ।  जब  हजरत  मूसा प्रार्थना करने लगे तब एक आकाशवाणी हुई -" मूसा तुम्हें पता होना चाहिए कि सच्चे भाव से की गई प्रार्थना ही ईश्वर प्राप्ति का मार्ग है । उस गडरिया का भाव सच्च  भाव था ,तुमने उसे मना करके आज अपराध किया है ।असल  में गडरिया लोक जनमानस है और मूसा शास्त्र   (मुनि मानस) है

आज,सेलिब्रेशन आँफ लाइफ डे...

    आज का दिन हर किसी व्यक्ति के दिन के लिए खास है । इसकी याद करते हुए, पिछले अच्छे दिनो को याद करते हुऐ, वर्तमान मे खो जाने का दिन है । इसका लाभ उठाते हुए सारी परेशानियों को त्याग दीजिए और उसे समय की धारा में प्रभावित कर नये जीवन की शुरुआत का दिन है, ऐसा मानकर न ई पहचान के अधार अपना पहला कदम बढ़ाऐ । आपकी मंजिल आपका इंतेजार कर रही है ।     आज का दिन आपका है जैसा चाहे वैसा जी लीजिए । कल का कोई भरोसा नही है । कल हम रहे या ना रहे । किंतु दुनिया वैसी ही चलती रहेगी जैसी आप छोड़कर गए थे । आज और अभी का समय ही हमारा है । क्यों ना हम सब मिलकर "सेलिब्रेशन आँफ लाइफ डे" मनाऐ ?     सभी प्रकार की परेशानियों को भूलकर,अपने परिवार वालो के साथ हँसी-खुशी के साथ आज का दिन बिताऐ और अचछे दिनो को याद करते हुऐ उसमे खो जाऐ । आज के दिन कुछ अच्छा करे,यादगार दिवस बनाए । इस यादगार दिवस मे एक ऐसा नियम बनाए जो कभी ना टूटने वाला नियम हो । नियम एक इबादत है । नियम भगवान, ईश्वर, अल्लाह, खुदा , है ।    आज "सेलिब्रेशन आँफ लाईफ आँफ डे" पर अपने आप को बुराई से बचाऐ और सत्य का पालन करते हुऐ अपने घर परिवार, स

सेवा भावना से समर्पित

    माता पिता की सेवा करने वालों का स्थान भगवान से भी ऊंचा है ।किंतु आज के युग में मां-बाप एक बोझ बन गए हैं ।इस बात को लेकर सरकार भी चिंतित है, और बुजुर्ग लोगों के लिए उनकी सुरक्षा को लेकर अनेकों कदम उठा रही है  और लाभ  भी दे रही है और भी अनेक सुविधाएं प्रदान कर रही है । ट्रस्ट मां आदिशक्ति दरबार धार्मिक एवं परमार्थ  टूस्ट भोपाल के संस्थापक, संपादक ,अध्यक्ष ,काउंसलर श्री रामधुन जी के  कृषक मां-बाप की मृत्यु हो गई है । उन्हे माँ- बाप की  सेवा करने का समय नहीं मिला । इसी वजह से उन्होंने उक्त ट्रस्ट का पंजीयन करवाया । ट्रस्ट धार्मिक एवं सामाजिक दोनों कार्य करती है । गांधी मोदी विचारक ट्रस्ट है ।इस ट्रस्ट के द्वारा वृद्धजन /निशक्त जनों हेतु अनेकों निशुल्क सेवाएं प्रदान की जा रही है । ट्रस्ट पेंशन राशि एवं दानपात्र से प्राप्त राशि से चलता है ।ट्रस्ट की अनेकों समस्याओ के प्रकरणों शासन के अधीन विचाराधीन है । बुजुर्गों की सेवा ही मां-बाप की सेवा है। इसी आशय से अनेकों निशुल्क सेवाएं लागू है किंतु शासन की उपेक्षा के कारण कई योजनाओं को बंद करना पड़ा । सेवा भावना से समर्पण का होना अति आवश्यक है ।

आज का सुविचार के साथ गुरूजीसत्यवादी श्रीरामधुन

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" किसी कार्य का संकल्प ले और पूरा करने मे निश्चित सफलता मिलती है ।"ऐसा मानना है गुरूजीसत्यवादी श्री रामधुन का ।आज इंटर "नेशनल प्ले डे" है । बच्चों के लिए खेलने की तारीख वो  दर्शाता है ।जो मुख्य रूप से अमेरिका में बच्चों के खेलने के लिए कुछ घंटों के लिए एक साथ रहने के लिए एक व्यवस्थित नियुक्ति के लिए उपयोग की जाती है ।इसे डेटिंग के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिए क्योंकि इसमें   कोई नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे कोई इसमे रोमांटिक घटना नहीं है । बदलने की तारीख आम हो गई है क्योंकि अ-व्यस्त माता-पिता के लिए काम के कार्यक्रम बच्चों को लावारिश छोड़ने के बारे में मीडिया के साथ पोस्ट तरह के खेल को रोकते हैं । जिससे अन्य वीडियो में के बच्चे भाग देते हैं खेलने की तारीख के उन गंतव्य द्वारा ही व्यवस्थित की जाती है जिनमें  ःसं   ग्रहालय जैसे बच्चों के अनुकूल कार्यक्रम होते हैं ।वा के मैदान एक नाटक की तरह नाटक की तारीख का राधा बच्चों को अनियोजित गतिविधियों की तुलना में कम संरक्षित बादाम में स्वतंत्र रूप से बातचीत करने का समय देना चाहिए खेलने की चीजें संगठित गतिविधियां या निर्धारित होना

आज का दिन, "महत्वपूर्ण दिवस"

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टूस्ट "माँ आदिशक्ति दर०धार्मिक एवं परमार्य टूस्ट" भोपाल ।

  आज दिनांक 20-01-2022 को  SDM भोपाल वृत बैरागढ़ भोपाल द्वारा भेजी गई नायब तहसीलदार मेम "टूस्ट की मान्यता एवं अनुदान बाबत" प्रेषित आवेदन पत्र की जाँच पड़ताल करने आई धी ।उन्होने पंचनामा बनवा कर ले गई है । इसके पहले आई थी तब निरिक्षण करके ले गई थी ,जो कमी रह गई थी वो टूस्ट के अध्यक्ष  के  द्वारा दूसरे दिन स्वयं जाकर प्रस्तुत किया गया था । टूस्ट का प्रकरण वर्षों से शासन के अधिन विचारणीय है और अभी पूरा नही होता नजर आ रहा । अब शासन के साथ-साथ आमजनो को फैसला करना पड़ेगा । टूस्ट और टूस्ट के संस्थापक, अध्यक्ष प्रशासन का कुछ नही कर सकते है मात्र निवेदन ही कर सकते है  । न्याय तो मिलेगा ही,आज नही तो कल ? कही किसी से जानबूझकर गलती ना हो जाऐ  ऐसी ईश्वर से प्रार्थना है । गुरूजीसत्यवादी श्रीरामधुन

ओल्ड, गोल्ड .....

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 भारतीय मुद्रा को बढ़ावा देने के लिऐ सरकार ने  अनूठी व्यवस्था लागू करने की पहल कर दी है । तरह तरह के विज्ञापनो के द्वारा लोगो को प्रलोभन भी दे रही है । आम भारतीयों के पास जरुरत से ज्यादा सोना रखा हुआ है जिनका उपयोग यदाकदा किया जाता है । ठीक इसी प्रकार धार्मिक स्थलों में भी अत्यधिक सोना,हीरे जवाहरात आभूषण रखे हुऐ है उनका भी उपयोग नही हो पा रहा है । इस प्रकार से रखा हुआ सोना ना तो  आमजनो के काम आ रहा है और नाही देश की ही उन्नति ही हो पा रहा है ।  अब ऐसे मे कुछ लोग अपनी स्वार्थ सिद्ध के लिऐ सरकार से मिलकर  गोल्ड लोन  की ऐसी योजना बनवाकर कानून के अंतर्गत पास करवा लेते है और क्रियांवित कर लाभ उठाने में जुट जाते है ।अब आदमी सोना बैंक मे गिरवी रख  तो देता है किंतु समय नही उठा पाता है तो सोना डूब जाता है । ऐसा प्राय:प्रायः सभी गरीबों के साथ होता है। ना गरीब को लाभ मिला ना सरकार को लाभ मिला ।      गोल्ड लोन स्कीम तो चल रही है।यह स्कीम बैंक द्वारा चलाई जा रही है । गोल्ड लोन की जरूरत किसे है और क्यू है यह भी समझना जरूरी है । गरीब लोगो के पास सोना नही होता है फिर बचे मध्यम वर्गीय लोग उन्हें ही लोन

आज कैमकाँर्ड डे

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    आज कैमकाँर्डर दिवस  पर गुरूजीसत्यवादी श्रीरामधुन जी माहराज का कहना है कि आज कोरोना की तीसरी लहर के बीच मे जबकि देश मे एक दिन मे 2.83 लाख कोरोना के नये मामले आ रहे है ।तो क्या चुनाव करवाना के मामलो को लेकर  आमजनो से सहमति लेना जरूरी नही था ? आज देश मे बच्चों को स्कूल,काँलेज भेजे जाने बाबत अभिभावकों , पालको से क्यों सहमति ली जाती है ? भीड़-भाड़ वाली जगहो पर प्रतिबंधित क्यों ? आज ना कितने सवाल पूँछ रही है हिन्दुस्तान की जनता ? आज-कल की बात है केन्द्र सरकार ने म०प्र० को 973 करोड़ की मदद की घोषणा की है जिसमे से 240 करोड़ रू० सड़कों के लिऐ  मुख्यमंत्री ने आभार व्यक्त का आशय आखिर क्या है ? ऐसे कई सवाल है जो हिन्दुस्तान की जनता का सवाल है जो उनके अंतर्मन की आवाज है । ये अंतर्मन की आवाज सुनाई देती है ना दिखाई देती हैं, यह मात्र महसूस की जाती है ।किंतु परिणाम जरूर देतीहै ।   आज हर मनुष्य मे एक कैमकाँरडर लगा हुआ है और वह उसकी अंतरमन जो आने वाले समय को महसूस कर लेती ।विश्व के विज्ञानिको को पता लगाने मे वर्षो लग जाऐगे । हलाकि यह प्रकृति की देन है । फोटो खीची जा सकती है, बाते रिकार्ड की जा सकती है, स

अनोखा-धर्मपरिवर्तन ...

     धर्मपरिवर्तन के किस्से, कहनीयां  तो आऐ  दिनो देखने, सुनने, पढ़ने मे मिलती रहती है ।किंतु यहां पर मैं आपको सत्य पर आधारित एक घटना सुनाता हूँ।       म०प्र० की राजधानी भोपाल में एक पंडित जी  रहते थे । उनके घर के सामने  एक मस्जिद थी ।उस मस्जिद मे पांचों वक्त की नमाज पढ़ी जाती थी।नियमानुसार पांचों वक्त की आजान भी होती थी ।       पंडित जी पूजापाठ करने वाले कटृरवादी ब्राह्मण थे ।रोजाना मंदिर जाना, पूजापाठ करना और करवाने का भी काम करते थे । रोजाना पूजा पाठ करने वाले इस पंडित का अचानक हृदय परिवर्तन हुआ और उन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया ।पंडित जी ने स्वयं तो धर्मपरिवर्तन तो किया घर के सभी लोगों को धर्मपरिवर्तन करवा दिया और  घर के सामने वाली मस्जिद के इमाम साहब बन गए और वर्तमान समय  मे कहानी लिखते समय जानेमाने लोगो मे शुमार हो गए ।    कुछ धर्मगुरुओं ने उनसे पूछा -"आपने इस्लाम धर्म मे ऐसी कौन सी बात देखी, जिसके चलते आपको धर्म परिवर्तन करना पड़ा" ?      पंडित जी जबाब -"घर के पास मस्जिद थी वहां रोजाना पांचों वक्त की नमाज की जो अजान होती थी, उसी के कारण मैने धर्मपरिवर्तन किया है ।  

आज प्रिटिंग इंक दिवस है,

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    जैसा कि आमजनो मे बहुत से लोग ऐसे है, जो जिस दिन अपनी जिंदगी मे कार्य करने की शुरूआत कर रहे हैं आखिर उस की विशेषता क्या है । वैसे आमतौर पर यह देखा जाता है, पढ़ा जाता है वह यह है कि-आज का दिन, तरीख क्या है, राशीफल समाचार पर मोबाइल पर टी वी पर देखते है ।और उसके अनुसार तीज-त्योहार मनाते है तथा अपनी दिनचर्या निशचिंत करते  है ।      यह कोई भी जानने की कोशिश नहीं करते है कि उस दिन देश-विदेश प्रदेश मे कोई खास अथवा कोई ऐसी घटना तो नही घटी है हम नही जान पा रहे है । इन्ही बातो को आमजनो को बतलाने की कोशिश कर रहे हैं गुरूजीसत्यवादी श्रीरामधुन ।    जैसे कि "आज प्रटिंग इंक दिवस" है, बहुत कम लोग जानते है जबकि वे लोग इससे संबंधित कार्य भले ही कर रहे हो ।      गुरूजीसत्यवादी श्रीरामधुन ने इस संबंध एक बोधकथा सुनाई :- आमजनो को चाहिए कि वे अपनी दिनचर्या सुनिश्चित कर अपना कार्य समयानुसार करे । इस कार्य मे जनहित कार्यों के आलावा पठन-पाठन,पूजापाठ पर भी ध्यान देने से बंद दरवाजे प्रकृति खोलती है । टूस्ट "माँ आदिशक्ति दर० धार्मिक एवं. परमार्थ टूस्ट" द्वारा संचालित जनहित मे निशु

आज केबल कार डे ।

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https://gurujiramdhun.blogspot.com/2022/01/blog-post_51.html    आज केवल कार डे है ।आज का दिन कोहरे से लिपटा भोपाल म०प्र०के साथ साथ लोगो को वैक्सीन ढूंढ-ढूंढ कर लगाए जाने वाला दिन भी है ।म०प्र० मे ठिठुरने वाली ठंड ,पूरे प्रदेश मे प्रकृति ने ओढ़ी कोहरे की चादर । आज केबल कार डे जो अपनी व्यवसाहिक गतिविधियों के अंतर्गत आता है । इस व्यवसाहिक व्यवस्था मे बड़ी-बड़ी कम्पनी कार्यरत है । वैसे तो केवल अनेको कार्यों मे उपयोग होती है ।  आज बाजारों मे प्रतिस्पर्धा व्याप्त है । इस आधुनिक युग में बाजारों मे महंगी महंगी कारे आ रही है । आटोमेटिक कारो मे जो केबल वायरो का जो उपयोग होता है वह उच्चतम क्वालिटी का पाया जाता है ।     गुरूजीसत्यवादी श्रीरामधुन का कहना है कि आज का दिन "केबल कार डे " का महत्व व्यवसाहिक क्षेत्रो से जुड़ा है । ना तो यह सामाजिक है ,ना ही धार्मिक और ना ही राजनीति को प्रेरित करता है । इसका महत्व मात्र दिखावा मात्र है । इस तरह का दिन मनाना समय बरबादी सा प्रतीत है  । वैसे यह भी ठीक ही है चूंकि सारा विश्व व्यवसाहिकरण के अंतर्गत नीति बनाकर व्यापार कर रहा है । भूलवश दिनांक

किसी को अपनी परेशानी ना बताऐ ।

    अपना दुख अथवा परेशानियों को कभी भी ,किसी को ना बताऐ क्योंकि अधिकतर लोग दूसरों के दुखो का मजाक उड़ाते है । गुरू का काम हमेशा लोगों का मार्गदर्शन करना होता है ,नैतिक शिक्षा देना और विप्पति के समय मे  राज्य के राजा को अथवा वहाँ की सरकार को समय समय पर अवगत कराते रहे । पहले तो ऐसा ही होता था । किंतु आज समय बदल गया है । ना वैसे राजा है ना ही वैसी सरकार और उसको चलाने वाले मुखिया , सबके सब भ्रष्टाचारो मे किसी  ना किसी प्रकार से लिफ्त है । ऐसे मे अच्छे आचरण वाले गुरूओ की संख्याओं मे कमी होना भी स्वाभाविक है । और  जो  शेष है उन्हे पूछा नही जा रहा है ।    गुरू को अपने शिष्य को सदैव अछा रास्ता दिखाना चाहिए ताकि उनका नाम , गुरू का नाम खराब ना हो, और शिष्य अपने लक्ष्यो पर पहुंच कर आमजनों को सही राह दिखाऐ ताकि देश की उन्नति हो सके ।     "राजा  दशरथ बुढ़ापे में प्रवेश कर चुके थे ,लेकिन उनकी एक समस्या थी कि उनकी कोई संतान नहीं थी । जो उनके वंश को आगे बढ़ा सके । इस समस्या को लेकर वह बहुत ज्यादा चिंतित थे । उन्होंने अपना दुख अपनी पत्नियों से व्यक्त किया ,बहुत सोच विचार कर यह निर्णय निर्णय लिया गय

सामाजिक जागरूकता से नशा मे विराम...

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भारत के राज्यों मे नारकोटिक्स ब्यूरो विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है।  नशीले पदार्थो की तस्करी करना वाले कार्यो मे बडे बडे नेताओं, सैलेब्रेटीयो,सरकारी अफसरों की बिगड़ी हुई औलादों का नाम हमेशा आता रहा है जैसे सुसानसिह का मामला हो या शाहरुख खान के पुत्र का नाम हो। ऐसे मैं सरकार को चाहिए कि वे इस तरफ ध्यान दे। सरकार अपने लाभ के लिए शराब, गाँजा, भांग की ठेकेदारी प्रथा बन्द करे तभी अन्य नशीली चीजों पर रोक लगाने मे सफल हो सकती है। टूस्ट माँ आदिशक्ति दर०थार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट भोपाल द्वारा लगभग 10 वर्षों से :- नशा मुक्ति , भ्रूण हत्या, मेरा भारत स्वच्छ भारत, बेटी पढ़ाओ बेटी बच़ाओ अभियान चला रहा है। किंतु सरकार इस तरफ ध्यान दे ही नही रही है। प्रयास जारी है। गुरूजीसत्यवादी श्रीरामधुन

ज्ञान का प्रकाश जाने ।

    गुरू स्वयं प्रकाशमान है । उसके चारों तरफ प्रकाश फैल रहा है ।  इस प्रकाश मन में जो भी शिष्य आएगा वह स्वयं प्रकाशमान हो जाएगा ।यही क्रम चलता रहा तो एक से दिन ऐसा अवश्य आ जाएगा ,जब सारी दुनिया प्रकाशमान हो जाएगी और अंधकार समाप्त हो जाएगा ।  यहां पर अंधेरे का आशय अज्ञानता से है  । प्रकाश होते ही अंधकार समाप्त हो जाता है । पर मन का अंधकार अलग है  ।        हैरानी की बात तो यह है कि अंधकार और प्रकाश दोनों ही अजर अमर है । एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते हैं । जहां अंधकार है वही प्रकाश का स्रोत है । जैसे जैसे अंधकार मिटता जाता है वैसे वैसे प्रकाश प्रकट होने लगता है । जैसे बीच के अंदर वृक्ष है और पत्थर के अंदर मूर्ति है, वैसे ही अंधकार के अंदर उजाला है । गुरु और शिष्य भी इसी प्रकार से है।                        इसके बाद एक दिन ऐसा आता है जब शिष्य जैसे-जैसे अज्ञानता रूपी अंधकार पर कार्य करता है वैसे वैसे वहां से प्रकाश उगने लगता है । कोयले के घर में हीरा पनपता है ।उसी प्रकार अंधेरे के आधार प्रकाश से  उपलब्ध होता है । और असली गुरु आधार पर ही कार्य करता है  । गुरु शिष्य को अंधकार से प्रकाश की ओर

आज 16 जनवरी राष्ट्रीय स्टार्ट दिवस

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    न ई दिल्ली भारत सरकार के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश मे 16 जनवरी को   "राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस" मनाने का फैसला लिया है जिसका एप जारी किया है उसका महत्व भी समझाया है ।     देश मे स्टार्टअप ईकाइयों को नव भारत का आधार स्तम्भ बताया है । तथा स्टार्टअप दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है । विभिन्न क्षेत्रों के  स्टार्टअप कारोबारियों को स्टार्टअप की यह संस्कृति देश दूरदराज.तक पहुचे ।     आप विश्वास करे कि सकारात्मक उर्जा के साथ लग्न और मेहनत करने वाले लोग कभी असफल नहीं होते है -   संकल्प से सब संभव -  इंसान अपने संकल्पो के साथ असंंभव कार्य को संभव कर सकता है । बार बार प्रयास करने से सफलता मिलती है  । ऐसे उदाहरणों से पूरा विश् भरा पड़ा है- "वाल्टिमोर मे टायसन नामक एक बालक था । वह बचपन से ही नाना प्रकार के खेल दिखाकर लोगों को आकर्षित करता था ।उसे खेल से बहुत लगाव था ।धीरे-धीरे उसकी उम्र बढ़ने लगी थी ।उसे बास्केटबॉल खेल में उसकी दिलचस्पी बढ़ने  लगी ।वह हर तरह से स्वस्थ और चुस्त था  ।  लेकिन उसका कद 5 फीट 3 इंच था जबकि एनबीए बास्केटबॉल खेलने वालों की लंबाई

"आज आर्मी डे" है

आज 15 जनवरी को हिन्दुस्तान मे भारतीय सेना आर्मी दिवस के रुप मे मनाती है और यादगार के रुप अनेको कार्यक्रमो का आयोजन किया जाता है  । आर्मी डे का यह 74 वाँ आर्मी दिवस है ।    15 जनवरी को फील्ड मार्शल के०एम०करियप्पा पहले सेना प्रमुख बने थे । उन्ही की याद मे "आज आर्मी डे "मनाया जाता है । न ई दिल्ली के आलावा जहाँ जहाँ सेना के मुख्खालय है वहां वहां इसे एक यादगार दिवस के रूप मनाया जाता है । सेना के सभी मुख्खालय मे सैन्य परेड,शौर्य ,और शहीदो की शाहदतो पर और अनेको कार्यक्रम सम्पन्न होते है ।      वर्तमान समय मे कोविड 19 के कारण सरकारी गाईडलाईन के पालन के कारण उपस्थित मे कमी होने के कारण यह आयोजन सादगीपूर्ण तरीको मनाया जाएगा । आज आर्मी दिवस पर देशवासियों को गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन की ओर बधाई, शुभकामनाएं तथा शहीद हुऐ जवानों को तथा उनके परिजनों नमन्  गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन ।

स्वतंत्रता की चेतना

स्वतंत्रता का अधिकार हमारे संविधान ने हमें दी है । क्या उसका सही ढंग से पालन हो रहा है ? पहले पहल तो हम वास्तव मे स्वतंत्र थे किंतु अब नही । जबसे हमारा देश गुलामी की जंजीरों मे जकड़ा हमारी मानसिकता मे काफी कोशिश के वावजूद भी बदल नही पा रही है । अभी भी कही ना गुलामी नजर आ ही जाती है । पहले की सरकार और वर्तमान सरकार की नीतियों मे भी काफी हद तक परिवर्तन नजर आ रहा है किंतु कही ना उसका अंश दिख ही जाता है । ऐसी मानसिकता बदलने के लिए वर्षों लग जाते है और वही हो रहा है --     एक साधू था,विद्रोही साधू । वर्तमान समय मे जैसे लेखक  - आलोचक होते है । राजा और राजा के जारी फरमान और कार्यो का विरोध करता था । आमजन मे भी आक्रोश था । साधू के बार बार समझाने के बाद भी राजा ने कहना नही माना तो वह राजा के हर बुरे कार्यो के विरोध मे बोलना शुरू कर दिया ।    राजा ने हुक्म दिया कि साधू को गिरफ्तार किया जाऐ और दरबार मे पेश किया जाए ।हुक्म की तामील हुई । साधू को गिरफ्तार कर लिया गया । उसके हाथ मे हथकड़ी और बेड़ियों से जकड़ कर , राजा के समक्ष पेश किया गया ।      राजा ने साधू सै कहा:- "अब तू बंदी है । तेरा जीवन मेर

"आज मकरसंक्रांति है ।

 आज मकरसंक्रान्ति 14 जनवरी का दिन अनादि काल से चला आ रहा है । जब इस समय मे लोगो को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो वह ग्रह नक्षत्रों को मान रहे और सलाह ले रहे है । आज 21 वी शदि चल रही है लोगो को सभी बातो की जानकारी आसानी से पता चल जाती है । पहले ऐसी व्यवस्था नही थी । पहले जानकार व्यक्ति तो थे साथ ही जानकारी लेने वाले लोगो की भी कमी नही थी ।    आज मकरसंक्रांति का दिन 14 जनवरी के पावन पर्व मे धार्मिक स्थलो पर पवित्र नदियों मे स्नान करके साफ कपड़े पहन कर , तांबे के लोटे में पानी लेकर उसमे काले तिल,लाल चंदन,गुड़ और लाल फूल डाल कर सूर्य भगवान को जल अर्पित करते हैं । सूर्य की पूजा करने के पश्चात शनि देव की पूजा काले तिल चढ़ाकर करना चाहिए । पोष माह की शुक्ल पक्ष की व्वादश तिथि को मकरसंक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है । मकरसंक्रांति की तिथि सूर्य देव की चाल तय करती हैं । जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि मे प्रवेश करते हैं ।    गंगा सागर मेला हिन्दुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है । इसे गंगासागर स्नान व गंगासागर यात्रा के नाम से जाना जाता है । कहावत भी है कि "बार ब

दुख मे धैर्य रखे...........

 जब सभी कार्य अस्त व्यस्त हो जाऐ,मन  मे नानाप्रकार के सवाल उत्पन्न हो रहे हो ,कुछ ना करने को मन कहे,एक अजीब सा डर,सन्नाटा हो, चारो  तरफ से रास्ता बंद हो गया हो ,पढ़ने लिखने मे मन ना लगे,अजीबोगरीब वातावरण हो, अब क्या होगा, कैसे होगा ?  सोचना बंद कर दिया जाऐ,शांत मन से सभी बातो पर एक एक करके विचार विमर्श करे  । जितनी बड़ी बड़ी समस्या थी धीरे धीरे  उसके हल निकलना शुरू होने लगे है ,दुख के बादल धीरे धीरे छंटने लगे है। यह चमत्कार कैसे हुआ, किसने किया, क्यू,किंतु परांतु को छोड़िए सब अच्छा हुआ ना इसी का नाम धैर्य है । और यही धैर्य सबके पास होता है सिर्फ उसे जगाने की आवश्यकता होती है । आज जितने भी महापुरुष हुए है धैर्यपूर्वक अपने कार्यों को अंजाम दिया है और अपनेमकसद मे कामयाब हुऐ है । तपोनिष्ठ आचार्य श्रीराम शर्मा जी मेरे गुरू रहे है ,उनकी बाते मुझे याद है । उनके बताए हुऐ रास्ते मे चला और मेरी हर मनोकामना पूरी हुई ।सबसे बड़ी बात यह है कि आज मैने सभी इंद्रियों को वश करके लोभ,लालच,मोह,माया,ममता  त्याग दिया है ।उनका लिखा हुआ पत्र मेरे पास अभी भी सुरक्षित रखा हुआ है जिसमे निम्न बाते लिखी हुई है:-   &quo

आज " लोहड़ी पर्व दिवस "

    आज लोहड़ी त्योहार है जो उत्तर भारत के साथ साथ सारे संसार में मनाया जाता है । जहाँ कहीं भी पंजाबी और सिंंधी लोग रहते है । पहले-पहल सिंंधी समुदाय इस त्यौहार को नही मनाते थे लेकिन जब से भारत स्वतंत्र हुआ है, भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ है ।तभी से सिंधी समाज तीन प्रकार से बंट गया है । इनका मुख्य त्यौहार और धर्म  से झूलेलालजी है । बंटवारे के बाद सिधी समुदाय तीन धर्मों को मानने लगा-पंजाबी, हिंदु, और सिंधी मुस्लिम ।    उत्तर भारत मैं मनाया जाने वाला प्रमुख पर्व है लोहारी । पंजाब हरियाणा तथा हिमाचल प्रदेश में खासतौर से पंजाबी समुदाय मैं तो इस पर्व पर एक अलग ही उत्साह देखा जाता है । यह ऐसा त्यौहार है जो आधुनिक युग के  व्यस्तता भरे माहौल में सुकून भरे कुछ पल लेकर आता है और लोग सारी व्यस्तता ,भूल कर भरपूर जोश और उल्लास के साथ इस पर्व का भरपूर आनंद लेते हैं । पंजाब और जम्मू कश्मीर में तो लोहारी पर्व संक्रांति के रूप में ही मनाया जाता है। सिंधी समाज में भी मकर संक्रांति से 1 दिन पहले लोहारी के रूप में "लाल साईं "नामक पर्व मनाया जाता है लोहानी को लेकर कुछ लोग कथाएं भी प्रचलित है ।मान्

"दो मुठ्ठी चावल की ढेरी ?"

    प्राचीन ग्रंथो के अध्ययन से पुराने जमाने की बाते और उस समय की सभ्यता का ज्ञान होता है । समय का परिवर्तन होता गया और वर्तमान में भूतकाल का अस्तित्व समाप्त हो गया है किंतु अभी भी उस समय की बाते , कहानियों मे कथाओं मे सिमटकर रह गई है । पहले जमाने में शिक्षा का अभाव था परन्तु शिक्षा दीक्षा भी थी । उस समय नैतिक शिक्षा और संस्कारों का चलन था ।हजारों साल से धार्मिक ग्रंथों को सम्भाल कर रखा गया है । इन ग्रंथों मे सभी प्रकार की कथा,कहानियों का जिक्र है जो शिक्षाप्रद के साथ साथ डरावनी, भूतप्रेतों, रहस्यमयी और गूढ़ अर्थो से लिखी गई है जो रोचक होती थी ।     प्राचीन समय में एक पंडित जी थे। उन्होंने अपनी पत्नी के साथ चारों धाम की यात्रा करने की सोची ।उस समय आवागमन के साधन तो बिल्कुल भी नहीं थे ।अत:उन्होंने पैदल यात्रा करने की सोची ।पंडित जी और पंडिताइन के कोई संतान नहीं थी ।उम्र भी 50 - 55 के पास होने के बाद , उन्होंने सोचा कि अब दुनिया में क्या रखा है अत: रुकते, ठहरते हुए चारों धाम की यात्रा करने के लिए निकल पड़े । रास्ते में जहां पर भी रात्री होती थी ,वहीं विश्राम करके ,अगले दिन यात्रा पर निकल

आज" युवां दिवस" है ...

आज युवां दिवस है जिसे सम्पूर्ण विश्व मनाता है और उन युवाओं के बारे मे याद करता है,नमन् करता है जिन्होंने भारत ही नही सम्पूर्ण विश्व के लिए योगदान दिया है ,दे रहे हैं ।    जब भी युवाओं की बात चलती है तो सबसे पहले स्वामी विवेकानंद का ही नाम याद आता है साथ  ही उन्होंने जो भी कहा है और उपदेश दिऐ है वै भी याद किऐ जाते है । यही कारण है कि "स्वामी विवेकानंद जी के आदर्शों और विचारों के सम्मान में उनकी जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप मे मनाई जाती है ।    स्वामी विवेकानंद ने कहा था -  "उठो, जागो और तब तक नही रुको,  जब तक लक्ष्य प्राप्त ना हो जाए " सच्ची सफलता और आनंद का सबसे बड़ा रहस्य यह है कि कुछ ना मांगा जाए । पूर्ण रुप से नि:स्वार्थ व्यक्ति ही सफल होते हैं ।     स्वामी विवेकानंद जी की जयंती हमारे यहां भारत में सन् 1985 से मनाई जाती है । राष्ट्रीय युवा दिवस  का आयोजन सम्पूर्ण विश्व में अलग अलग रुप से मनाया जाता है ।    आज राष्ट्रीय युंवा दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय नेताओं के साथ साथ प्रांतीय नेता भी जाग जाते और नींद मे रहते हुए अनेक आयोजन करते है , भाषण देते है,बड़ी बड़ी बाते करते

स्वयं के प्राणों की रक्षा . .*****

    प्राचीनकाल मे एक पंडित जी थै जो भूत-भविष्य के ज्ञान के साथ साथ अच्छे भविष्यव्यक्ता भी थे । वे सम्पन्न और ज्ञानी पुरूष  के साथ साथ त्रिकालदर्शी भी थे ।     एक दिन उन्होंने अपनी योग शक्ति के द्वारा अपने अगले जन्म के बारे मे पता लगा लिया कि उनका जन्म किस समय और किस स्थान मे तथा किस योनी  मे होने वाला है ।      पंडित जी की मृत्यु का समय धीरे धीरे निकट आने लगा तो एक दिन पंडित जी ने अपने सबसे बड़े  बेटा जो आज्ञाकारी पुत्र था। उसे बुलाकर अपने घरवालों के समक्ष बुलाया और कहा कि "देखो मेरा समय पूरा हो गया है और मेरी मृत्यु फला् दिन,फला् तारीख और  फला् समय और फला् व्यक्ति के  यहा सूअर के रूप मे जन्म होगा । अत: निर्धारित समय पर तुम वहा जाकर सूअर रूपी मेरा वध्द कर देना ।     आज्ञाकारी पुत्र ने निश्चित समय में अपने पिता के वचनों के पालन  करने में तत्परता दिखाई और उसे अंजाम देने के लिए हाथ में तलवार लेकर जैसे ही नवजात शिशु सूअर पर वार करने हेतु अपना हाथ उठाया तभी सूअर रुपी पिता ने हाथ जोड़कर कहा कि" नहीं बेटा मुझे मत मार मैं इसी जन्म में खुश हूं ऐसा सुनकर पंडित के पुत्र ने अभय दान देकर छ

आज का दिवस

आज का दिवस के अंतर्गत मनाऐ जाने वाले  महत्वपूर्ण दिन मे खास क ई महत्त्वपूर्ण बातो मे से एक यह है कि आज स्व० भू० पू० प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि है । टूस्ट'"माँ आदिशक्ति दर० धार्मिक एव परमार्थ टूस्ट"भोपाल द्वारा ऐसे अवसर पर विशेष आयोजन आयोजित किया जाता है "महान संत/पुरूषों की पुण्यतिथि व जन्मदिन मनाने बाबत आयोजन "के दिन किया जाता है और उन्हें श्रृन्दाजली दी जाती है । इस अवसर टूस्ट के पदाधिकारी, टीलाजमालपुरा के वृध्दजन और गणमान्य लोगों की उपस्थिति रहती है । आज का दिन की दूसरी वजय यह भी है कि "आज मिल्क डे " भी है जिसे 01 जून को सारा विश्व " विश्व मिल्क डे मनाता है जिसकी शुरुआत वर्ष 2001 से शुरुआत की गई थी । आज सारी दुनिया मे गाय का दूध हो अथवा कोई भी दूध हो उसका इस्तेमाल सभी लोग कर रहे है ।आज दिनो दिन इसका उपयोग बढ़ते जा रहा हे । गुरुजीसत्यवादी श्रीरामधुन "आलोचक" 

आज-कल का कर्ज

आमजन को हमेशा कर्ज लेने व देने से सदैव परहेज़ रखना चाहिए चूंकि ये कर्ज जन्मोजन्मातंर तक पीछा नही छोड़ता है । इस संबंध मे मै आपको एक कहानी सुनाता हूं ! एक पंडित जी धे ।उनकी माली स्थिति ठीक नहीं थी । घर की स्थिति को देखते हुऐ उनके घर वालो ने उन्हे सलाह दी कि "पास गांव में आपका एक मित्र रहता है वह धनवान है तो क्यो ना उनसे मदद ली जाए "ऐसा घरवालों ने पंडित जी से कहा ! पंडित जी ने घर वालो के बार बार आग्रह करने पर तैयार हो जाते है ।  दूसरे दिन पंडित जी अपने मित्र के यहाँ चले जाते है । मित्र और उपर से  ब्राह्मण मित्र के आने मित्र और उसके घरवालों ने पंडित जी का बड़ा आदर सत्कार, आव भगत किया । इन सब बातों को देखकर ,समझकर पंडित जी ने  कुछ ना मागने का फैसला अपने मन मे करके,घर जाने की इच्छा जाहिर की । पंडित जी रात्री मे अपने कमरे में सो रहे थे । पास मे ही गोठान थी वहा से उन्हें कुछ वार्तालाप सुनाई दे रहा था -  गाय भैसे से कह रही थी -"भैया, मैं कल परलोक सिधार जाएगी कल सुबह सेठ मेरा दूध निकालेगा, उसके बाद मै कर्ज मुक्त हो जाउंगी"! इस बात पर भैसे ने कहा कि "बहन, मेरा  कर्ज तो सेठ

आज हिन्दी दिवस है

"आज हिंदी दिवस "पर टूस्ट " माँ आदिशक्ति दरबार धार्मिक एवं परमार्थ टूस्ट "भोपाल द्वारा प्रति वर्ष वुजुर्ग लोगो के सम्मान मे "हिन्दी गोष्टी" का आयोजन किया जाता है । भारतवर्ष की राष्ट्र भाषा हिन्दी है किंतु अभी तक शासन इसमे विफल रहा है । विफलता के कारण अनेक है उनमे से मुख्य है वहां की स्थानीय भाषा को ही आमजन वहाँ की मातृभाषा मानते है । अत: हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने के लिये वहां की सरकार जिम्मेदार है ना कि आमजनता ।अत: प्रान्तीय सरकार का उत्तरदायित्व है कि वे केद्र सरकार से मिलकर "हिन्दी मातृभाषा" को विशेष अभियान चलाऐ चूंकि स्थानीय भाषा के कारण हिन्दी का सही ढ़ंग सै इस्तेमाल नही हो रहा है त्रुटियों पर त्रुटियाँ हो रही है ।    विदेशों मे रहने वाले लोग इसे विशेष महत्व दे रहे है किन्तु भारतीय लोग कुछ नही कर हिन्दुस्तान का नाम बदनाम कर रहे है । आज हिंदी दिवस पर विशेष लेख यह है कि- हिंदी भाषा को हिन्दुस्तान मे प्रमुख एवं प्रथम भाषा के रूप मे प्राथमिकता प्रदान की जावे और स्थानीय भाषा को द्वितीय भाषा मे शामिल किऐ जाने बाबत ठोस एवं कठोर नियम बनाकर लागू किया जा

अपना काम स्वयं करे....

     हर मनुष्य को चाहिए कि वह अपना स्वयं का कार्य को स्वयं ही करना चाहिए, ऐसा कार्य करने एक तस्सली के साथ साथ आत्म संतोष मिलता है । वैसे अपना कार्य सभी करते है कहते तो है किंतु करते नही है। इसी वजय से स्वयं परेशान तो होते ही  है और सामने वाले को भी परेशान करते रहते हैं । अपने नियम स्वयं बनाना चाहिए और उसका पालन भी करना चाहिए, ऐसा हमें प्रकृति भी बार बार संदेश देकर गरमी, ठंड और बरसात का अहसास दिलाते रहती है । कोई भी कार्य करते समय हमारी सोच सकारात्मक होनी चाहिये तभी हमे सफलता मिलेगी । अपने कार्य करने के लिए कभी भी दूसरों पर निर्भर नही रहना चाहिए ।अपने आप पर विश्वास रखे चूंकि काम आपका है ,आपको ही उसे पूरा करना है ,आप हर संभव कोशिश करेंगे कि आपका काम हो ही जाये ।    एक बार की बात है "जब शंकर भगवान सज्ज धज्ज कर अपनी बरात  लेखर हिमालय की बेटी पार्वती से विवाह करने गए । उस समय ,उस रूप को देखकर राजा के महल के दरवाजे पर मैना आरती लेकर पहुची तो भगवान के उस रूप को देखकर डर गई और आरती हाथ से गिर गई । यह तो अपशगुन हुआ  । भगवान शिव जी का अपमान देख किसी ने पूछा कि "आपको क्रोध तो नही आ रहा